1/04/2021

बाल श्रम उन्मूलन एवं मानव तस्करी की रोकथाम को लेकर एक दिवसीय ज़िला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन


बाल श्रम उन्मूलन एवं मानव तस्करी की रोकथाम को लेकर एक दिवसीय ज़िला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

 श्रम कराने वालों पर होगा एक्शन,बाल श्रम कराने वाले व्यक्ति को 50 हजार रुपए तक जुर्माना व 2 वर्ष जेल की सजा का प्रावधान

रोहनिया-आराजी लाइन ब्लॉक मुख्यालय पर सोमवार को ब्रिटिश हाई कमीशन से सहायतित एक्शनएड संस्था द्वारा संचालित बाल श्रम उन्मूलन व मानव तस्करी की रोकथाम हेतु संचालित फेज 3 स्टार परियोजना के अंतर्गत बाल श्रम उन्मूलन एवं मानव तस्करी की रोकथाम हेतु एक–दिवसीय ज़िला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ एक्शन एड के ज़िला कोर्डिनेटर राजकुमार गुप्ता ने करते हुए वाराणासी जनपद के आराजीलाईन ब्लाक में दो दर्जन से अधिक गाँवों में चलाये जा रहे स्टार प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी गयी और आगे की रणनीति के बारे में बताया गया।
इसी क्रम में श्रम विभाग से श्रम प्रवर्तन अधिकारी एसके सिन्हा के द्वारा बालश्रम निषेध और विनियमन संशोधन विधेयक 2016 के बारे में जानकारी दी साथ ही बाल श्रमिकों के पुनर्वासन हेतु चलाई जा रही। सरकारी योजनाओं के बारे में बताया। कहा कि 14 से 18 उम्र तक के बच्चों को खतरनाक कार्यो में लगाना प्रतिबंधित है। बाल श्रम कराते पकड़े जाने पर बाल श्रम कराने वाले को 50 हजार रुपए तक जुर्माना और 2 वर्ष की सजा हो सकती है।
प्रशिक्षण में बतौर अतिथि आराजी लाईन ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि डा. महेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि बाल श्रम एक सामाजिक कुप्रथा है इसका उन्मूलन मिलजुल कर करना हैं। 14 वर्ष तक बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास तेजी से होता हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्त ने आउट ऑफ़ स्कूल व ड्राउप आउट बच्चों के नामांकन के लिए सहयोग की अपेक्षा की गई। उनके द्वारा बाल अधिकार जैसे जन्म, शिक्षा, संरक्षण, विकास व सहभागिता के अधिकार बारे ने विस्तार से जानकारी दी गई। ज़िला पंचायत सदस्य योगीराज सिंह पटेल द्वारा मानव तस्करी, बाल तस्करी पर चर्चा व उस पर कार्यवाही व सज़ा के बारे में बताया गया। साथ ही बाल भिक्षावृत्ति के चिन्हीकरण पर सभी से सहयोग के लिए कहा गया। शिक्षिका पूजा गुप्ता के द्वारा बताया गया कि ऐसे बच्चों की सूचना दी जाए। उनके द्वारा टोल फ्री नंबर 112, 1090, 181, 1098, 101, 102, 108 की जानकारी दी गई। जिले स्तर पर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड व उनके कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। आरटीई एक्टिविस्ट अजय पटेल के द्वारा विद्यालय प्रबंधन समिति, आरटीई से बच्चों के पढ़ाई पर जानकारी दी गई। 
पेंसिल पोर्टल के बारे में राजकुमार ने जानकारी दी साथ ही कैसे किसी बाल श्रमिक की सूचना संबन्धित विभाग को दे इसकी भी जानकारी दी गयी ।
बाल श्रम एक बार कराने पर सजा तो है ही लेकिन दोबारा वहीं व्यक्ति बाल श्रम कराता पकड़ा जाये तो यह जुर्माना व सजा और अधिक होगी। बाल श्रम पाये जाने की शिकायत तत्काल उस जिले के नोडल अधिकारी पर जाएगी और 48 घंटे में कार्रवाई होगी।अंत में किस तरह प्रेरकों के साथ ताल मेल बना कर गाँव से जिले स्तर तक निगरानी समिति का निर्माण कर गाँव से जिले स्तर तक बाल श्रम एवं मानव तस्करी को खत्म किया जा सकता है। इस पर चर्चा की गयी। प्रशिक्षण में आराजीलाईन के दो दर्जन से अधिक प्रेरकों ने प्रतिभाग किया। 
 इस अवसर पर मुख्य रूप से राजकुमार गुप्ता, मनीष पटेल,आदर्श यादव, मनीष यादव, जैशलाल वर्मा, मनोज कुमार, योगीराज सिंह, शिवकुमार गुप्ता, पूजा गुप्ता, सुरेश, रेनू, मोहित कुमार यादव,धर्मेन्द्र यादव,राहुल यादव,अवधेश यादव,मनीष कुमार पटेल, छोटेलाल,गोपाल, कुसुमलता,मुस्तफ़ा,आशीष, प्रमोद कुमार आदि लोग शामिल थे।

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