12/05/2024

मंडलायुक्त द्वारा शुभंकर तथा ट्रॉफी का अनावरण किया गया

68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी वॉलीबॉल प्रतियोगिता 2024-25 का उद्घाटन

राष्ट्रीय खेल हेतु वाराणसी को चुना जाना अपने आप में गर्व की बात है: मंडलायुक्त

काशी के आतिथेय भावना से आनेवाले खिलाड़ियों को परिचित करायें: मंडलायुक्त

प्रतियोगिता का आयोजन बीएचयू के एम्फीथिएटर मैदान में 10 से 14 दिसंबर तक होगा जिसमें कुल 45 टीमों के 1080 खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा* 

वाराणसी। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा द्वारा वाराणसी में आयोजित हो रही 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी वॉलीबॉल ( अंडर-14, बालक एवं बालिका वर्ग) प्रतियोगिता 2024-25 हेतु शुभंकर तथा ट्रॉफी का अनावरण किया गया। उन्होंने उद्घाटित शुभंकर को यहां की संस्कृति के अनुरूप चुनने हेतु भी डिजाइन करने वाले के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। इस अवसर पर उन्होंने सभी को बधाई देते हुए कहा कि पूरे देश की प्रतियोगिता हेतु वाराणसी को चुना गया है। हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है की हम काशी के आतिथेय भावना को प्रदर्शित करें तथा आने वाले खिलाड़ियों तथा टीम के सदस्यों को यहां के संस्कृति से भी परिचय करायें।  उन्होंने खिलाड़ियों में जोश भरते हुए कहा की राष्ट्रीय स्तर पर खेलना अपने आप में गर्व की बात है जिसका खिलाड़ियों को भविष्य में पढ़ाई व नौकरियों के दौरान अतिरिक्त वेटेज लेने में मदद मिलेगी। उन्होंने एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड के विद्यार्थियों का भी हौसला बढ़ाया। 
         गौरतलब है की 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी वॉलीबॉल ( अंडर-14, बालक एवं बालिका वर्ग) प्रतियोगिता 2024-25 का आयोजन बीएचयू के एम्फीथिएटर मैदान में 10 से 14 दिसंबर तक होगा जिसमें कुल 45 टीमों के 1080 खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। 


*68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी वालीबाल (अण्डर-14, बालक एवं बालिका वर्ग) प्रतियोगिता 2024-25*

उल्लेखनीय है कि स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया (SGFI) के तत्वाधान में 68 राष्ट्रीय विद्यालयी वालीबाल (अण्डर-14, बालक एवं बालिका वर्ग) प्रतियोगिता 2024-25 का आयोजन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी स्थित एम्पीथियेटर ग्राउण्ड में दिनांक 10.12.2024 से दिनांक 14.12.2024 के मध्य किया जा रहा है। वालीबाल प्रतियोगिता के आयोजन से सम्बन्धित विवरण निम्नवत है-

1. वालीबाल प्रतियोगिता का उदघाटन दिनांक 10.12.2024 को पूर्वान्ह 10.30 बजे एवं समापन दिनांक 14.12.2024 को अपरान्ह 01.00 बजे किया जायेगा। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाली टीमों के कोच, मैनेजर एवं जनरल मैनेजर की आवश्यक बैठक विज्ञान संगोष्ठी कक्ष, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में दिनांक 09.12.2024 को सायं 4.00 बजे आहूत की गयी जिसमें उन्हें खेल के नियमों से सम्बन्धित जानकारी आदि से अवगत कराया जायेगा। 

2. प्रतियोगिता में देश के राज्यों, केन्द्रशासित प्रदेशों एवं विभिन्न यूनिट के माध्यमिक विद्यालयों की कुल 45 टीमों के 1080 बालक एवं बालिका खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। 

3. प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों, टीम मैनेजर, कोच एवं आफिसियल्स के ठहरने हेतु काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के एल०डी० गेस्ट हाउस में 07 सूट एवं उसके आस-पास के होटलों में कुल 325 डबल बेड कमरें बुक कराते हुए आरक्षित किये गये है एवं उनके भोजन एवं नाश्ते की व्यवस्था एम्पीथियेटर हाल से सटे कैम्प में की गयी है। 

4. वालीबाल टीम के मैनेजर, टीम कोच, जनरल मैनेजर एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को निर्धारित रेलवे स्टेशनों से रिसीव करते हुए उन्हें सुगमता पूर्वक टैम्पों ट्रैवलर्स वाहन में बैठाकर निर्धारित गतव्य स्थल होटल/गेस्ट हाउस में पहुँचाकर प्रतिदिन प्रतियोगिता स्थल से सम्बन्धित आवंटित होटल पर जाना तथा इच्छानुसार वाराणसी जनपद के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराने हेतु प्रत्येक टीम के साथ तीन-तीन अध्यापकों / अध्यापिकाओं को नोडल अधिकारी के रूप किया गया है।

5. प्रतियोगिता के सुचारू संचालन हेतु माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यो एवं अध्यापकों की डयूटी लगाते हुए स्वागत समिति, प्रचार-प्रसार समिति, रंगोली समिति एवं मंच संचालन समिति आदि गठन किया गया है।

6. वालीबाल प्रतियोगिता में दिनांक 11.12.2024 से दिनांक 13.12.2024 तक सायंकाल 06.00 बजे 09.00 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है जिसमें गायन, वादन एवं नृत्य आदि कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण वाराणसी जनपद के संगीत घरानों के कलाकार, माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राएं तथा देश के राज्यों एवं केन्द्रशासिक प्रदेशों के वालीबाल खिलाड़ियों द्वारा किया जायेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के एम्पीथियेटर हाल में कराया जायेगा।

11/23/2024

वाराणसी में भड़के अधिवक्ताओं ने मिलकर जिला कारागार अधीक्षक के खिलाफ जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया।(मोदी परिवार के सदस्य)

वाराणसी जिला सत्र न्यायालय परिसर के DM कार्यालय में आज मोदी परिवार के सदस्य अधिवक्ता शैलेन्द्र पाण्डेय के नेतृत्व में जिला कारागार अधीक्षक आचार्य डॉक्टर उमेश सिंह के खिलाफ जेल में हो रहे करोड़ो का भ्रस्टाचार के मामले में सभी अधिवक्ताओं के साथ मिलकर जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है।साथ ही मौजूद रहे अधिकारी SDM ने सभी अधिवक्ताओं को जल्द से जल्द कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।वही इसके पूर्व में कई शिकायतें D.G. जेल और अन्य अधिकारियों को यहाँ तक कि पुर्व में डिप्टी जेलर रत्न प्रिया ने भी छेड़खानी के मामले में शिकायत किया था उसपर भी कोई कार्यवाही नही की गई जेल परिसर के सभी बैरकों में सीसीटीवी फुटेज कैंमरे के सामने वहां के बन्दी चिलम में पीते है और बंदी से बिकवाने का ठेका दिया जाता है।
(.1) यह है की जब भी कोई विचाराधीन बन्दी/सिद्धदोष बन्दी न्यायिक अभिरक्षा में जेल में दाखिल किया जाता है उस वक्त उपरोक्त बंदियों को जिला कारागार वाराणसी की बैरक नंबर 10 जो जेल भाषा में आमदनी बैरक कहा जाता है | 

(.2) यह है की जेल मैनुअल हिसाब से किसी भी विचाराधीन बन्दी को कारागार में किसी भी प्रकार का श्रम/कार्य नहीं करवाया जा सकता है 

(.3) यह है की जेल मैनुअल के हिसाब से सिद्धदोष बंदियों को श्रम/कार्य करवाया जा सकता है| 

(4)  यह है की जिला कारागार वाराणसी में जेल अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह द्वारा अपना  खुद का जेल मैनुअल बनाया गया है| जिसमे विचाराधीन बंदियों /सिद्धदोष बंदियों से कार्य ना करने के लिए बंदियों की आर्थिक स्थिति के हिसाब से उसमे भी कम से कम प्रत्येक विचाराधीन बन्दी को मात्र 1600/-रूपये,सिद्धदोष बन्दी को 2200/-रूपये मात्र देना पड़ेगा| और जो बन्दी इस मैनुअल का पालन नहीं करेगा वो जेल मे अधीक्षक         के आदेश  पर कहीं भी कार्य में लगा दिया जायेगा| जिससे वह परेशान होकर इस मैनुअल  मानने पर मजबूर          होगा और जो बहुत ही गरीब होगा वो वहाँ कार्य करता रहेगा
(.5)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के आधार पर जिला कारागार वाराणसी में एक सिद्धदोष बन्दी रामसूरत बिन्द को गांजे का ठेका दिया गया है और उसको आदेश है की वो  जेल के  किसी भी बैरक में खुलेआम गाजे का अवैध काला कारोबार कर सकता है|और इसके बदले में  सिद्धदोष  बन्दी रामसूरत बिन्द अधीक्षक महोदय को 2.5 लाख रूपये प्रतिमाह अदा करता है। (.6)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में  कैंटीन का भी ठेका सिद्धदोष बन्दी संजय को दिया गया है और उसको आदेशित किया गया है की जेल के अंदर पान गुटखा सिगरेट बीड़ी सुरती मनचाही सब्जी रोटी पुलाओ पूड़ी पराठा किसी भी तरह का कोल्ड्रिंक बाटी चोखा दूध दही रबड़ी समोसा टिक्की काली चाय मिठाइयाँ काफी बर्गर कोई भी चाइनीज आइटम बन्दी के इक्षा अनुसार बन्दी को दिया जाए और प्रत्येक वस्तु का दाम बन्दी से वसूला जाये| और इसके बदले में सिद्धदोष बन्दी संजय द्वारा अधीक्षक को 80,000/--हजार रूपये प्रतिदिन के हिसाब से अदा किया जाता है| 
 
(.7)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में                बन्दियों के परिजनों स मुलाक़ात दो बैच में कराई जाती है| जिस बन्दी की पहली बैच में मुलाक़ात आयी और             उसको यदि अपने परिजनों से ज्यादा समय मुलाक़ात करनी है तो वह बन्दी 250/--रूपये देकर दूसरी                   मुलाक़ात लगातार हो सकता है| जिसमे बन्दी को आधा घंटा समय अतिरिक्त मिल जाता है| इसका ठेका 14 नंबर के राइटरों के पास होता है जो इसका हिसाब प्रतिदिन अधीक्षक महोदय को देते है| 

(.8)यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में 
बन्दियों को अपने परिजनो से बात करने के लिये पीसीओ की सुविधा दी जाती है| और प्रत्येक बन्दी से प्रत्येक  बन्दी की आर्थिक स्थिति देखकर उससे उसका फोन चालु कराने के नाम पर बन्दियों से 100/- रुपए से 2000/--हजार रूपये तक लिये जाते है इसका ठेका अधीक्षक महोदय द्वारा सिद्धदोष बन्दी को दिया गया है 
और इसके बदले में सिद्धदोष बन्दी द्वारा अधीक्षक महोदय को 1  लाख रुपया प्रतिमाह अदा किया जाता है| 

(.9 )  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में              कुल बैरक संख्या पुरुष वार्ड में (17) है| अधीक्षक महोदय द्वारा प्रत्येक बैरक में एक बैरक राइटर नियुक्त है| 
और प्रत्येक राइटर इस नियुक्ति के समय 30000/-हजार रूपये पहली बार देता है| और फिर प्रतिमाह बैरक राइटर को 5-5 हजार रूपये प्रतिमाह देना पड़ता है | और राइटरों को इसके बदले में आदेश प्राप्त होता है की किसी भी विचाराधीन बन्दी/सिद्धदोष बन्दी का रात्रि पहरा लगाने के नाम पर,बंदियों को सुलाने के नाम पर मनचाहा धन वसूली कर सकते है| 

(.10)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में  
किसी बन्दी की यदि कोई पेशी अधीक्षक महोदय के समक्ष होती है| तो उसका तत्काल प्रभाव से दौरा खोल दिया जाता है और वह दौरा तबतक नहीं रुकता है जबतक बन्दी के द्वारा किसी राइटर के माध्यम से 15 से 20 हजार रूपये अधीक्षक तक नहीं पहुंचाये जाते है| 

(.11)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में 
बन्दियों को जो सरकारी भोजन भंडारे से दिया जाता है वह इतने निम्न ईस्रतर का होता है की जिसको पशु भी खाना पसंद नहीं करेंगे और इतना निम्न अस्तर का भोजन इसलिए दिया जाता है की जिला कारागर वाराणसी में जो कैंटीन ठेके पर अधीक्षक महोदय द्वारा दी गयी है उसकी बिक्री पर कोई प्रभाव ना पड़े 

(.12)  यह है की अधीक्षक डॉक्टर आचार्य उमेश सिंह के जेल मैनुअल के हिसाब से जिला कारागार वाराणसी में 
यदि कोई बन्दी कितना भी बीमार हो जाये या बिमारी से तड़पता रहे उस बन्दी को उपचार हेतु बाहर                    अस्पताल इलाज कराने हेतु नहीं भेजा जाता है जबतक की वो बन्दी अस्पताल गार्ड के नाम पर कम से कम 5000/--रूपये अधीक्षक महोदय को अदा ना करदे चाहे भले ही उसकी मौत क्यों न हो जाये| और इस पराक्रम में कई बन्दी अपनी जान गवा चुके है| और बाद में उनकी मौत का कारण हार्ड अटैक दिखाकर जेल के बहार अस्पताल ले जाते समय दर्शाया  जाता है| 

                           
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                           
                                                                                                                               * मा. मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायलय (प्रयागराज उत्तर प्रदेश )
* मा. प्रधानमन्त्री कार्यालय (नई दिल्ली )
* मा. केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार (नई दिल्ली )
* मा. केंद्रीय कानून मंत्रालय (नई दिल्ली )
* मा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (नई दिल्ली )
* मा. राजयपाल लखनऊ उत्तर प्रदेश 
* मा. मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार (लखनऊ उत्तर प्रदेश )
* मा. कारागार मन्त्री उत्तर प्रदेश सरकार (लखनऊ )
* मा. प्रमुख सचिव कारागार ( लखनऊ उत्तर प्रदेश )
* मा. महानिदेशक कारागार (उत्तर प्रदेश लखनऊ )
* मा. वाराणसी /चंदौली जिला सत्र न्यायाधीश 
*  मा. जिलाधिकारी  वाराणसी /चंदौली

11/07/2024

वाराणसी हत्याकांड में नया मोड़: पांच कत्ल के बाद ये शख्स लापता... राजेंद्र की मां के खुलासे से उलझी पूरी कहानी

वाराणसी के भदैनी में हुई पांच लोगों की हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी की हत्या के बाद परिवार का बड़ा भतीजा विशाल उर्फ विक्की लापता है। उसके सभी मोबाइल फोन बंद हैं। वह किसी के संपर्क में भी नहीं है। ऐसे में पुलिस का शक विक्की पर गहरा गया है। उसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि विक्की के पकड़े जाते ही एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की गुत्थी सुलझ जाएगी।

*अक्सर राजेंद्र से विवाद करता था विक्की*

वहीं, मृत राजेंद्र की मां बुजुर्ग शारदा देवी ने पुलिस को बुधवार को बताया कि उसके मृत छोटे बेटे कृष्णा का बड़ा बेटा विक्की अक्सर राजेंद्र से विवाद करता था। वह कहता था कि उसे उसका हिस्सा सही ढंग से नहीं मिला तो वह पूरे परिवार को मार डालेगा। 

विक्की दीपावली के दिन ही राजेंद्र की हत्या करने की बात कह रहा था। उधर, विक्की की तलाश में पुलिस की पांच टीमें दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, बंगलूरू और तमिलनाडु रवाना की गई हैं। एहतियातन राजेंद्र के भदैनी और मीरापुर रामपुर स्थित मकान पर पुलिस तैनात की गई है।

*राजेंद्र पर था इनकी हत्या का आरोप*

भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता पर उसके छोटे भाई कृष्णा व उसकी पत्नी मंजू के साथ ही अपने पिता लक्ष्मी नारायण और चौकीदार की हत्या का आरोप था। मृत कृष्णा के दो बेटे विक्की और प्रशांत उर्फ जुगनू और बेटी डॉली है। 

जुगनू दिल्ली में रह कर काम करता है। विक्की खुद के बारे में कभी बताता था कि वह बंगलूरू में रह कर काम करता है। कभी कहता था कि तमिलनाडु में रहता है तो कभी अहमदाबाद या फिर मुंबई में रहकर काम करने की बात कहता था। 

*पुलिस इस शख्स को बता रही हत्याकांड की मास्टरमाइंड*

राजेंद्र सहित उसके परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के बाद जुगनू सहित परिवार और रिश्तेदारी के अन्य सदस्य आ गए, लेकिन विक्की का कहीं कोई पता नहीं लगा। कॉल करने के बाद भी उसने अपने सारे मोबाइल फोन बंद कर लिए। 

इससे पुलिस का शक गहरा गया है। पुलिस वारदात का मास्टरमाइंड विक्की को ही बता रही है। कह रही है कि विक्की ने ही शूटरों की मदद से राजेंद्र के परिवार को ठिकाने लगाया है। उसकी राजेंद्र से व्यक्तिगत दुश्मनी भी थी।

*वीडियो कैमरे के सामने मां ने दी पुलिस को जानकारी*

राजेंद्र की मां शारदा देवी ने बुधवार को पुलिस को वीडियो कैमरे के सामने बताया कि दीपावली से पहले विक्की उनसे मिलने आया था। विक्की कहता था कि उसे और उसके भाई जुगनू को बड़े पापा ने जायदाद से बेदखल कर भिखारी की औलाद कहा था। दीपावली पर बड़े पापा और उसके परिवार को खत्म कर देंगे। शारदा देवी ने कहा कि उन्होंने विक्की को समझाया था कि अब उनका एक ही बेटा बचा है, उसे छोड़ दो और अच्छे से रहो। मगर, वह उनकी बात मानने को तैयार नहीं था। हालांकि, उसने बीते तीन नवंबर को वापस काम पर जाने की बात भी कही थी।

*मां-बाप की हत्या के समय विक्की सात साल का था*

राजेंद्र का भतीजा जुगनू पुलिस की हिरासत में है। जुगनू ने पूछताछ में बताया कि 1996-97 में उसके मां-बाप, बाबा और उनके चौकीदार की हत्या बड़े पापा राजेंद्र ने कराई थी। मां-बाप की हत्या जब हुई थी, तब वह ढाई साल का था और उसका बड़ा भाई विक्की सात साल का। मां-बाप की हत्या के दौरान उसे भी पेट में गोली लगी थी, लेकिन वह बच गया था। उसके बड़े पापा और विक्की के बीच अच्छे संबंध नहीं थे। दोनों के बीच अक्सर विवाद भी होता रहता था। हालांकि उसने राजेंद्र सहित उसके परिवार के सदस्यों की हत्या की घटना से अनभिज्ञता जताई।

*अनबन होती तो क्या परवरिश और शादी करते*

राजेंद्र सहित परिवार के पांच लोगों की हत्या की जानकारी पाकर बुधवार को कई रिश्तेदार भदैनी स्थित उसके घर पहुंचे। ममेरे भाई राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि अगर राजेंद्र अपने छोटे भाई के बच्चों से नफरत करता तो क्या उन्हें अच्छे से पढ़ाते-लिखाता...? क्या भतीजी की शादी धूमधाम से करता...?

*वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या*

वाराणसी शहर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई है। घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला है। उसे भी गोली मारी गई थी।

दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।

*फ्लैट में रहता था राजेंद्र गुप्ता का परिवार*

भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता (56) का पांच मंजिला (भूतल और चार मंजिला) मकान है। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है। जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नमनेंद्र (24) व सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (17) रहते थे। 

*सफाई करने वाली आई तो हुआ हत्याकांड का खुलासा*

मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नवेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी। 

वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र निढाल पड़ा था।

*हत्या, दो शादी और एक महिला से करीबी*

पुलिस के अनुसार, राजेंद्र पर उसके पिता व एक चौकीदार के साथ ही छोटे भाई व छोटे भाई की पत्नी की हत्या का आरोप था। ये घटनाएं वर्ष 1997 की हैं। इसी आरोप में राजेंद्र जेल भी गया था। पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने दो शादी की थी। हाल के दिनों में एक अन्य महिला से भी उसकी करीबी बढ़ी थी। राजेंद्र की पहली पत्नी अपने बेटे के साथ कई साल से पश्चिम बंगाल के आसनसोल रहती है। इन्हीं सभी बिंदुओं को वारदात की वजह मान कर सीसी कैमरों की फुटेज, सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से पुलिस की 10 टीमें जांच कर रही हैं।

घटना के बाद से ही राजेंद्र का भतीजा विक्की लापता है। पहले तो उसने किसी का फोन नहीं उठाया। घंटी बजती और कट जाती थी। बाद में सारे मोबाइल बंद हो गए। विक्की की तलाश में पुलिस की टीमें लगाई गई हैं। वह गिरफ्त में आ जाएगा तो घटना की गुत्थी सुलझ जाएगी - मोहित अग्रवाल, पुलिस आयुक्त, प्रस्तुतकर्ता श्रुति सूर्यवंशी

10/30/2024

अयोध्या में भगवान राम के विराजमान होने के बाद प्रथम दीपावली पर भगवान शंकर की नगरी काशी में "रघुकुल चला राम के द्वार"


अयोध्या में भगवान राम के विराजमान होने के बाद प्रथम दीपावली पर भगवान  शंकर की नगरी काशी में "रघुकुल चला राम के द्वार" एल्बम का लोकार्पण, बालकदास जी ने किया। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के लोकार्पण के पश्चात प्रथम दीपावली के एक दिन पूर्व भगवान शंकर की नगरी काशी में उनके परम भक्त  हनुमान जी महाराज की जयंती पर " रघुकुल चला राम के द्वार" एल्बम की लॉन्चिंग पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास ने बुधवार को मध्यान्ह में बटन दबाकर किया । मिर्जापुर बसही स्थिति चंद्र वाटिका लान में आयोजित भव्य
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि श्री बालक दास ने कहा कि राष्ट्र की सही तस्वीर समाज के सामने लाने उसे सचेत करने के लिए यह एल्बम बहुत सामयिक एवं प्रासंगिक है। 
 उन्होंने कहा कि कमल के माध्यम "रघुकुल चला राम के द्वार" के लेखक वरिष्ठ पत्रकार  डॉ० अरविंद सिंह व उसे स्वर प्रदान करने वाले संगीतकार श्री राजन तिवारी ने भजन के माध्यम से इतिहास को दोहराया है।  पहले भी लिखनी, गीत, संगीत व भजनों के माध्यम से राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए अलग जागाई गई है थी, आज राष्ट्र की एकता- अखंडाता के लिए यह प्रयास सराहनीय है। 
श्री बालकदास ने चिंता व्यक्त की कि आज के नौनिहाल व युवा पीढ़ी को शिक्षा तो मिल रही है, पर वे सनातन संस्कृति व संस्कारों से कट रहे हैं इसकी वजह से माता-पिता का स्वयं नौनिहालों के दादा-दादी से दूर रहना है, जिसके कारण वे किस्सा, कहानियां के माध्यम से सनातन संस्कार से दूर रहे तो वे बच्चों को क्या सिखाएंगे। बहुत से लोग डॉक्टर, इंजीनियर, अधिकारी तो बन गए हैं, पर संस्कारों से दूर हैं।  हमें उम्मीद है कि इस एल्बम से समाज को सजग करने में मदद मिलेगी। 
 बतौर विशिष्ट अतिथि हिंदू युवा वाहिनी ( यूपी) के प्रमुख नेता श्री अम्बरीश सिंह "भोला" ने कहा कि श्री हनुमंत कृपा से ही यह एल्बम तैयार हुआ है, जो मां भारती के बच्चों को सही राह दिखाएगा। 
आचार्य जगदीश्वर दास जी महाराज ने कहा कि हिंदू अब भी नहीं जगे और बटे रहे तो उन्हें कटने से कोई बचा नहीं सकता। इतिहास साक्षी है दशकों पूर्व भी यह कार्य बहुत हुआ था पर उसपर ध्यान न देने से लंबे समय तक हम गुलाम रहे और यातनाएं सही। 

समारोह की अध्यक्षता कर रहे यू. पी. कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर रमेश प्रताप सिंह ने कहा कि डॉक्टर अरविंद सिंह ने रघुकुल की परंपरा को आगे बढ़ाया है।  समय है समाज के संगठित और सक्रिय होने का अन्यथा आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेगी। 
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए गीत के लेखक डॉक्टर अरविंद सिंह ने कहा कि "रघुकुल चले राम के द्वार" हमने नहीं लिखा है श्री हनुमान महाराज ने हम हमसे लिखवाया है हम जैसा प्रभु की प्रेरणा हो रही है वैसा कर रहे हैं।  हमारा प्रयास समाज को जोड़ने का है, राष्ट्र को एक रखने का है।
 इस अवसर पर रणवीर सिंह, श्री सुधीर, श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, श्री राजेंद्र कुमार दूबे, डॉक्टर अशोक सिंह, श्री अंबिका सिंह, संजीव सिंह, सुश्री दीपा सिंह, किरण सिंह सहित बड़ी संख्या में विशिष्टजन उपस्थित थे।  संचालक डॉ संजय सिंह गौतम ने किया। 
भवदीय 
डॉक्टर अरविंद सिंह

10/28/2024

टोटो, ठेला, सहित बाईक सवार पुल के निचे गिर कर हो रहे चोटिल

वाराणसी मे बन रहे ओवर ब्रिज का खामियाजा भुगत रहे इस इलाके के लोग,,
हर दिन स्कूली बच्चे गिर का हो रहे चोटिल,, 
दफ़्तर,दुकान जाने वाले लोग जाम झाम से देरी होने की झेल रहे है परेशानी 

शासन प्रशासन सहित क्षेत्रीय प्रतिनिधि है मौन,

घटना को दावत देते हुए रोजाना राहगीरों का होता है रेलवे डॉट पुल के ऊपर से गुजरना 

टोटो, ठेला, सहित बाईक सवार पुल के निचे गिर कर हो रहे चोटिल 

लगभग दो हफ्तों से पुल के नीचे जुटे पानी से,लोगों को हो रही काफ़ी परेशानी 


बता दें की कज्जाकपुरा से लाट सरैन्याँ तक बन रहे ओवर ब्रिज की वजह से सरैन्याँ इलाके की हालत काफी बत्तर है, पुल के पास कूड़े की डंपिंग की जा रही जिसके कारण रास्ता बाधित होता है,और तो और बदबूदार बिखरे कूड़े सीवर मे बह कर सीवर को जाम बना रहे हैं इसके साथ ही किचड़ और फिसलन भरे रोड से बाईक सवार रिस्क लेकर अपने गनतव्य को जाते हैं, गौरतलब है की इस पुल के बन जाने से इसका फायदा बड़ी गाड़ियों और दूर दराज से आने जाने वालो को मिलेगा, लेकिन सरैन्या, जलालीपुरा के निवासियों को ओवर ब्रिज के ही नीचे से ही अपने गनतंव्य को तय करना होगा,,फिलहाल ब्रिज निर्माण को अंजाम तेजी से दिया जा रहा है लेकिन इन इलाकों के निवासियों के आने जाने वाले मार्गो पर न तो सेतु विभाग के अधिकारीयों की नजर है न ही यहाँ के प्रतिनिधियों को, विभाग अपना काम करने मे लगा है, इन रहवासियों के बारे मे किसी को कोई फ़िक्र नहीं,, बताते चले की आय दिन पेयजल पाइप का फट जाना सीवर का ओवर फ्लो होकर बहना, जैसी तमाम समस्यायों से सरैन्या मुस्लिमपुरा के लोग झेल रहे हैं,,, वहीं कोढ़ मे खाज का काम नगर निगम के कर्मचारी कर रहे हैं, पुल के पास तिराहे पर कूड़े को डंपिंग किया जा रहा है,इस दौरान कूड़ा उठान करने वाले वाहनों से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है!