2/01/2017

रच्छक ही बन गए भक्षक

दशास्वमेध की पुलिस जबरदस्ती चोरी का जुर्म कबूलवाने के लिए रच्छक ही बन गए भक्षक

एक तरफ उत्तर प्रदेश की सरकार कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए तमाम वादे करते है और जनता के लिए तमाम सुविधाएं निकालते है। वही थाने की पुलिस वर्कआउट करने के लिए बेगुनाह को गुनाहगार बनाते है। यह मामला वाराणसी के थाना दशाश्वमेध का है।
हम आपको बता दे की यह मामला वाराणसी के थाना दशास्वमेध का है जहां एक पीड़ित राजेश कसेरा ने आरोप लगाया है की मंगलवार को तीन बजे उसे दूकान पर देवनाथपुरा चौकी इंचार्ज और दरोगा जमुना प्रसाद अपने कई सिपाहियों के साथ उन्हें पकड़कर थाने पर ले आये और उसको एक कमरे में लेजाकर लाठी डंडे से मारते रहे और कहने लगे की तुम यह कबूल करो की चोरी किये हो वरना तुम्हे पानी में डुबाकर मारेंगे उसने यह जुर्म नहीं किया था तो आखिर पीड़ित राजेश यह जुर्म कैसे काबुले और ना कबूलने पर उसकी पिटाई करके रात 9 बजे उसे छोड़ दिया गया। जब पीड़ित से करने उन्होंने यह बताया की एक लड़की के इशारे पर मुझे इतना मार दिया गया मैं सिर्फ उसके घर के आगे अपना दूकान लगाकर अपना जीविकोपार्जन करता हूँ। और वो लड़की अपने आपको जज की बेटी बताकर पुलिस के ऊपर दबाव बनाकर मेरा यह हाल करवा दी और जब इस बात का पता लगाया गया की वह वाकई जज की बेटी है तो पता चला की उसके पिता जज थे रिटायर होने के बाद उनकी मृत्यु हो गयी थी अगर और पीड़ित ने बताया की बंद कमरे में कुल 5 पुलिस कर्मी मार रहे थे बाईट :--राजेश कसेरा (पीड़ित घायल ) जब पीड़ित थाने से छूटने के बाद रात में घर गया और अपने पास पड़ोस के लोगो को अपने दर्द की दास्ताँन को बताया तो इलाके के क्षेत्रीय लोग नाराज हो गए और पीड़ित को मंडलीय अस्पताल ले जाया गया उसकी मेडिकल कराया गया और लोगो द्वारा इन्साफ की मांग की गयी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आगे कार्यवाही की तैयारी की जायेगी और इस मुद्दे पर मेडिकल बनाने वाले डॉक्टर ओमप्रकाश से बात की गयी तो उन्होंने बताया की यह जो  चोटें आयी है वो चोट आने की वजह लाठी डंडे से मारा गया है और नील पड़ा है यह गंभीर चोट है ।


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