3/07/2019

विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का शिलान्यास कर भावुक हुए PM मोदी, कहा बाबा ने कहा था बेटा कुछ करके दिखाओ




मोहम्मद रिज़वान


वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 19वे काशी दौरे पर विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परियोजना का शिलान्यास किया। इस दौरान उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री भावुक हो गए और कहा कि जब राजनीति में नहीं था तभी से बाबा विश्वनाथ के लिए कुछ करने का मन था और आज वह सपना साकार हुआ। भोले बाबा ने कहा बेटा बात बहुत करते हुए कुछ करके दिखाओ और आज मुझे इस कॉरिडोर परियोजना के शिलान्यास का मौक़ा मिला।

मंदिर प्रांगण से प्रधानमंत्री ने 70 सालों में किसी तरह के बाबा धाम में विकास न होने पर केंद्र और पूर्व राज्य सरकारों को जमकर घेरा। प्रधानमंत्री ने इस कॉरिडोर परियोजना के कार्य में लगी टीम को भी बधाई दी और कहा कि वो बिना किसी राजनीति के भक्ति भाव से इस कॉरिडोर परियोजना के कार्य मेलगे हुए हैं।

सभी को आने वाली रंगभरी एकादशी की शुभकामनाएं देते हुए अपना उद्बोधन बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा और मां गंगा के जयघोष के साथ शुरू करने वाले प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा सौभाग्य कि जो सपना संजोया था उसे पूरा करने की और पहला कदम बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि कई सालों से बाबा विश्वनाथ का यह धाम जकड़ा हुआ था जिसे अब मुक्ति मिली है।

उन्होंने अपने उद्बोधन में उन भवन मालिकों को एक संसद के नाते शुक्रिया अदा किया जिन्होंने अपनी प्रापर्टी बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परियोजना के लिए दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों का एक प्रधानमंत्री होने के नाते नहीं बल्कि काशी का सांसद होने के नाते उनका अभिन्दन करता हूँ। वहीं उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पुजरातत्व विभाग के छात्रों का आह्वान किया कि वो आएं और इन मंदिरों पर रिसर्च करें ताकि दुनिया इनके बारे मे भी जान सके

प्रधानमंत्री कहा कि यह स्थान दुश्मनों के निशाने पर रहा है पर आस्था ने इसे ज़िंदा रख रखा है। गांधी जी भी जब यहां आये तो उन्होंने भी अपनी पीड़ा ज़ाहिर की थी कि बाबा विश्वनाथ का स्थान ऐसा क्यों ? महारानी अहिल्या बाई होल्कर के बाद हमने इसके पुनरोद्धार का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि आप सोमनाथ मंदिर जाएंगे तो वहां भी महारानी की भूमिका नजर आएगी।

उन्होंने पुरानी सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि पिछले काल खंड में भोले बाबा का ख्याल किसी ने नही रखा। 40 से ज़्यादा मंदिरों जो घरों में छुपे हुए थे उसके ऊपर लोगो ने किचन बना दिया था। शासन व्यवस्था 70 सालों तक चुप रही।

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