वाराणसी। दालमंडी के छत्तातला स्थित बड़ी मस्जिद में शनिवार रात मुत्ताहिदा उलेमा कौंसिल बनारस के तत्वाधान में एक विशेष जलसे का आयोजन हुआ। इस जलसे का मुख्य उद्देश्य इस्लाहे मुआशरा (समाज सुधार) और इत्तेहादे उम्मत (उम्मत की एकता) पर जोर देना था। इस अवसर पर विभिन्न मसलकों के प्रमुख उलेमा ए केराम ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
जलसे की अध्यक्षता कौंसिल के सरपरस्त हज़रत मौलाना सूफ़ी ज़कियुल्लाह क़ादरी ने की। इस दौरान मौलाना इश्तियाक अली ईमानी, मौलाना अहसन जमील मदनी, और शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने मुसलमानों को सीरते नबी (नबी की जीवनशैली) पर चलने और आपसी एकता बनाए रखने की अहमियत पर बल दिया।
कार्यक्रम का संचालन मौलाना नादिर लुत्फ़ी सल्फी ने किया, जिन्होंने कौंसिल के गठन का उद्देश्य और उसकी अब तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। जलसे का समापन हज़रत मौलाना सूफ़ी ज़कियुल्लाह क़ादरी की दुआ के साथ हुआ।
इस जलसे में मनाज़िर हुसैन मंजू, शाहिद परवेज़, नदीम अहमद राजू, फ़ैसल इक़बाल, आकिब, इरफान, आबिद, ज़ुल्फ़िकार ज़ैदी, अब्दुल करीम समेत कौंसिल की राबेता कमेटी के सभी पदाधिकारी और विभिन्न मसलक के लोगों ने भाग लिया।
कौंसिल के संयोजक अमीनुद्दीन सिद्दीकी ने बड़ी मस्जिद के इमाम और ख़तीब के साथ-साथ हाजी मुख़्तार, हाजी इक़बाल अहमद, सोहराब अहमद, सिराज अहमद और बड़ी मस्जिद की कमेटी के सभी ज़िम्मेदारों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी उलेमा, सामेएइन और राब्ता कमेटी के साथियों का भी दिल से शुक्रिया अदा किया।
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