पूर्वांचल की 13 सीटों पर लड़े 208 उम्मीदवार... 13 जीते, 182 की जमानत जब्त; जानें कब वापस होती है ये राशि?
पिछले आम चुनाव में पूर्वांचल की सभी 13 सीटों पर विजेता और दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी के अलावा सभी प्रत्याशी अपनी जमानत गंवा बैठे थे। 13 सीटों पर राजनीतिक दलों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी समेत 208 लोग चुनाव मैदान में उतरे थे। इसमें विजेता और उसके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को छोड़कर 182 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।
सबसे अधिक 31 प्रत्याशी वाराणसी सीट पर थे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीते थे जबकि सपा-बसपा गठबंधन की प्रत्याशी शालिनी यादव दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस के अजय राय तीसरे नंबर पर रहे मगर जमानत नहीं बचा सके थे।
चंदौली में भाजपा के डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और सपा के संजय चौहान, बलिया में भाजपा के विजेंद्र सिंह व सपा के सनातन पांडेय, गाजीपुर में बसपा के अफजल अंसारी और भाजपा के मनोज सिन्हा व आजमगढ़ में सपा के अखिलेश यादव और भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ व 2022 के उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ व सपा के धर्मेंद्र सिंह यादव ही जमानत बचा सके थे।
इसी तरह मिर्जापुर में अपना दल की अनुप्रिया पटेल व सपा के सुन्नम इस्तारी, जौनपुर में बसपा के श्याम सिंह यादव और भाजपा के केपी सिंह और भदोही में भाजपा के रमेश चंद्र और बसपा के रंगनाथ मिश्रा के अलावा मछलीशहर में भाजपा के भोलानाथ व बसपा के त्रिभुवन राम की ही जमानत बची थी।
इसी तरह सलेमपुर में भाजपा के रविंद्र और बसपा के आरएस कुशवाह व घोसी सीट पर बसपा के अतुल कुमार सिंह और भाजपा के हरिनारायण व राबर्ट्सगंज में अपना दल के पकौड़ी लाल कोल और सपा के भाईलाल व लालगंज सीट पर बसपा की संगीता आजाद व भाजपा की नीलम सोनकर ही अपनी जमानत बचा सकी थीं।
*लोकसभा चुनाव :* सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25 हजार रुपये, एससी व एसटी वर्ग के प्रत्याशी को 12,500 रुपये जमा करने होते हैं।
*विधानसभा चुनाव :* सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को जमानत राशि की रकम 10 हजार और एससी व एसटी के उम्मीदवारों को 5 हजार जमा कराने होते हैं।
*राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव :* सभी वर्गों के लिए जमानत राशि की रकम एक ही होती है। चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार को 15 हजार रुपये जमा कराने होते हैं।
*कब होती है जमानत जब्त:* जब कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी 16.66% वोट हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है। यही फॉर्मूला हर चुनाव पर लागू होता है।
*कब वापस होती है जमानत राशि:* जीतने वाले उम्मीदवार को भी उसकी रकम वापस कर दी जाती है, भले ही उसे 1/6 से कम वोट मिले हों। मतदान शुरु होने से पहले अगर किसी उम्मीदवार की मौत हो जाती है, तो उसके परिजनों को रकम लौटा दी जाती है।
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