4/24/2024

लोकसभा चुनाव के 'सातवें फाटक' पर वाराणसी सीट और पीएम मोदी के निशाने पर तीन रेकॉर्ड, क्या बरकरार रहेगा जलवा?

लोकसभा चुनाव के 'सातवें फाटक' पर वाराणसी सीट और पीएम मोदी के निशाने पर तीन रेकॉर्ड, क्या बरकरार रहेगा जलवा?

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौसम की तल्‍खी के बीच चुनावी पारा चढ़ने लगा है। इसी के साथ दुनिया के सभी छोटे-बड़े देशों की निगाहें एक बार फिर भारत की सांस्‍कृतिक राजधानी बनारस पर टिकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतिहास दोहराने के लिए वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में दावेदार हैं तो सियासी कुरुक्षेत्र के सातवें फाटक (सातवें चरण) से उन्हें पार लगाने का जिम्‍मा बनारसियों का होगा। इस बार पीएम मोदी के निशाने पर तीन रेकॉर्ड हैं। पहला रेकॉर्ड है वाराणसी सीट से जीत की हैट्रिक। इससे पहले दो सांसद ही यहां से जीत की हैट्रिक लगा सके हैं। इसके अलावा मोदी, पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी की तरह यूपी के एक निर्वाचन क्षेत्र से तीन चुनाव जीतने के रेकॉर्ड की बराबरी कर सकते हैं। बतौर प्रधानमंत्री नेहरू फूलपुर लोकसभा सीट से लगातार तीन चुनाव जीते थे, जबकि इंदिरा ने भी रायबरेली से यही रिकॉर्ड बनाया था।

हालांकि, इंदिरा रायबरेली से जीत की हैट्रिक नहीं लगा सकी थीं। प्रधानमंत्री मोदी के मुकाबले में कांग्रेस ने एक बार फिर अजय राय को उतारा है, जबकि बसपा ने पूर्व पार्षद सैयद नेयाज अली (मंजू भाई) को प्रत्‍याशी बनाया है। 2019 के चुनाव में 63.60% वोट पाकर पीएम मोदी की बड़ी जीत के बावजूद वाराणसी में सबसे ज्यादा मत पाने का रेकॉर्ड पूर्व सांसद चंद्रशेखर सिंह के नाम है। 1977 में जनता पार्टी के उम्‍मीदवार रहे चंद्रशेखर ने 66.22% मत हासिल किए थे। दशकों से RSS और BJP के मजबूत गढ़ वाराणसी में पीएम के सामने यह रेकॉर्ड अपने नाम करने की भी लक्ष्य है। इस बार पीएम मोदी के सामने कांग्रेस-सपा के संयुक्त उम्मीदवार अजय राय बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। वहीं, बसपा के सैयद नियाज अली मंजू अपनी लड़ाई सीधे पीएम नरेंद्र मोदी से करार देते हुए अजय राय के तीसरे स्थान पर रहने और अपनी जीत की हुंकार भर रहे हैं।

*सपा-बसपा का खाता नहीं खुल पाया*

बनारस शहर संस्‍कृतियों के संगम के लिए जाना जाता है। देशभर की संस्‍कृतियां काशी में रच-बसी हैं। अलग सोच और अलग अंदाज में जीने वाले बनारसियों ने सबसे ज्यादा लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस और BJP का साथ दिया है। यहां से सात-सात बार BJP और कांग्रेस उम्‍मीदवारों ने जीत दर्ज की है। बनारस यूपी की उन लोकसभा सीटों में एक है, जहां सपा या बसपा ने कभी जीत हासिल नहीं की। माफिया मुख्‍तार अंसारी ने बसपा के सिंबल पर 2009 में और अतीक अहमद ने 2019 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्‍याशी के तौर पर किस्‍मत आजमाई थी, लेकिन जनता ने दोनों को नकार दिया था।

*वाराणसी लोकसभा सीट एक नजर में*

कुल वोटर: 19.62 लाख
पुरुष: 10.65
महिला: 8.97

*टूटा कांग्रेस का तिलिस्‍म*

बनारस से देश के पहले से लेकर तीसरी आम चुनाव में जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस का तिलिस्‍म वर्ष 1967 के आम चुनाव में माकपा उम्‍मीदवार सत्‍यनारायण सिंह ने तोड़ा था। इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के चंद्रशेखर ने जीत दर्ज की। 1989 में जनता दल के अनिल शास्‍त्री को मतदाताओं ने संसद भेजा। अन्‍य चुनावों में कांग्रेस और BJP उम्‍मीदवारों ने बाजी मारी। तीन दशक से ज्‍यादा समय से बनारसियों को बाहरी प्रत्याशी ही भा रहे हैं। छह बाहरी उम्‍मीदवार संसद में बनारस का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इनमें दिग्‍गज कम्‍युनिष्‍ट नेता सत्‍यनारायण सिंह, अनिल शास्त्री, श्रीशचंद्र दीक्षित, डॉ. मुरली मनोहर जोशी ओर अंतिम कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

*वाराणसी लोकसभा सीट पर पिछले चुनावों का परिणाम*

*चुनाव वर्ष प्रत्याशी दल कुल वोट*

2019 नरेंद्र मोदी भाजपा 6,74,664
शालिनी यादव सपा 1,95,159
अजय राय कांग्रेस 1,52,548

2014 नरेंद्र मोदी भाजपा 5,81,022
अरविंद केजरीवाल आप 2,09,238
अजय राय कांग्रेस 75,614
विजय प्रकाश जैसवाल बसपा 60,579
कैलाश चौरसिया सपा 45,291

2009 डॉ. मुरली मनोहर जोशी भाजपा 2,03,122
मुख्तार अंसारी बसपा 1,85,911
अजय राय सपा 1,23,874
डॉ. राजेश कुमार मिश्रा कांग्रेस 66,386

*सबसे छोटी और बड़ी जीत का रेकॉर्ड BJP के नाम*

वाराणसी से सबसे बड़ी और सबसे छोटी दोनों जीत का रेकॉर्ड BJP के नाम है। 2009 में BJP के कद्दावर नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कड़े मुकाबले में बसपा के मुख्‍तार अंसारी को महज 17,211 मतों से शिकस्‍त दी थी। 2019 के चुनाव में पीएम मोदी ने सपा की शालिनी यादव को 4,79,505 मतों से पीछे छोड़कर जीत दर्ज की थी। वाराणसी से जीत की पहली हैटट्रिक कांग्रेस के रघुनाथ सिंह ने लगाई थी। वह वर्ष 1952,1957 और 1962 में चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। BJP के शंकर प्रसाद जायसवाल ने वर्ष 1996, 98 और 1999 में जीत हासिल की थी।

*अजय राय हर बार तीसरे स्थान पर*

कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय राय वाराणसी से बीते तीन लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार वह तीसरे स्‍थान ही रहे। राय ने BJP से अलग होकर 2009 में पहला लोकसभा चुनाव सपा के सिंबल पर लड़ा था। 2014 और 2019 में वह कांग्रेस के सिंबल पर लड़े। 2019 में राय को 152548 वोट मिले और उनकी जमानत जब्‍त हो गई थी।

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