वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा सीट पर नामांकन प्रक्रिया जारी है। सातवें चरण में होने वाले वाराणसी लोकसभा सीट पर तमाम राजनीतिक दल अपने प्रचार -प्रसार में जुट गई हैं। वही गुरुवार को कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI ने युवाओं के मुद्दे को लेकर कांग्रेस के घोषणा पत्र के साथ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के बाहर “मोहब्बत की दुकान” लगाई। NSUI के द्वारा लगाई गई मोहब्बत की दुकान की जानकारी जैसे ही हुई वैसे वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस मौके पर पहुंची और NSUI से जुड़े छात्रों को दुकान बंद करने की चेतावनी दी। छात्रों और पुलिस के बीच इस दौरान थोड़ा कहासुनी के बाद छात्रों ने मोहब्बत की दुकान विश्वविद्यालय के बाहर से हटाकर अंदर लगा लिया। वहीं, जब विश्वविद्यालय प्रशासन को जानकारी हुई की छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में मुहब्बत की दुकान लगाई है, तब मौके पर पहुंची विश्वविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर ने भी मुहब्बत की दुकान को बंद करवाया।
*वाराणसी में मोहब्बत की दुकान बंद करवाने पर NSUI प्रदेश अध्यक्ष ने उठाए सवाल*
वाराणसी में NSUI के मुहब्बत की दुकान हटाए जाने पर कांग्रेस छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पांडे ने सवाल खड़े किया। ऋषभ पांडे ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन और वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट तानाशाही कर रहीं है। उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के 28 जनपदों और तमाम विश्वविद्यालय में मोहब्बत की दुकान लगाया गया, लेकिन कही भी बनारस जैसी स्थिति नहीं हुई। सभी जनपदों में मोहब्बत की दुकान लगाकर युवाओं के मुद्दे को उठाया गया और कांग्रेस पार्टी के द्वारा युवाओं के मुद्दे को घोषणा पत्र में शामिल किए जाने को लेकर जानकारी दी गई। ऋषभ पांडे ने आरोप लगाया कि वाराणसी जनपद में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सत्ता और बीजेपी की विचारधाराओं से जुड़े लोगो ने दुकान बंद करवाने का काम किया है।
वही, NSUI के मोहब्बत की दुकान बंद करवाए जाने को लेकर पुलिस ने किसी प्रकार की अनुमति न होने पर विश्वविद्यालय के बाहर छात्रों को किसी भी राजनीतिक एक्टिविटी करने से रोकने की बात कही। वहीं विश्वविद्यालय के अंदर से मोहब्बत की दुकान हटाए जाने पर चीफ प्रॉक्टर अमिता सिंह ने देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो ऐसे में छात्रों को दुकान हटाए जाने का निर्देश दिए जाने की बात कही। वहीं एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने पीएम नरेंद्र मोदी का वाराणसी गढ़ होने की वजह से मोहब्बत की दुकान हटाए जाने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया।
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