वाराणसी सरकारी विद्यालय में बच्चो के भविष्य से हो रहा है।खिलाड़ देखिये यह तस्वीर।
क्लास के बच्चो को बाहर बैठाकर क्या करते है।बंद दरवाजा के अंदर ये प्रधानाध्यापक शैलेंद्र।
वाराणसी आदमपुर थानाक्षेत्र इलाके के राजघाट काशी स्टेशन रोड स्थित एक प्राथमिक विद्यालय है जहां आये दिन दर्जनों बच्चो को प्रधानाध्यापक शैलेंद्र द्वारा क्लास से बाहर निकालकर गंदे गैलरी के जमीन पर बच्चो को बैठा दिया जाता है ।यह बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ है ।आप इस तस्वीर में देख सकते है कि अगर ये बच्चे पढ़ने वाले है तो इन्हें बाहर इस तरह से आखिर क्यों बैठाया गया है ।और बाहर बैठाकर आये दिन क्लास रूम को अंदर से दरवाजा बंद करके क्या करते है।प्रधानाध्यापक शैलेंद्र वही विद्यालय परिसर के अंदर कुछ टीचरों का कहना है कि प्रधानाध्यापक शैलेंद्र पहले सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे अभी लगभग 15 दिनों से बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इन्हें प्रधानाध्यापक बनाया गया है।और इनका इनके पत्नी से न्यायलय में मुकदमा विचाराधीन है।और मामला न्यायलय में विचाराधिन होते हुए एक सहायक अध्यापक को प्रधानाध्यापक कैसे बना दिया गया ये तो अधिकारी से बात करने पर ही पता चलेगा अधिकारी कैमरे के सामने कुछ बोलने को तैयार नहीं है।और इसी विद्यालय में एक महिला शिक्षामित्र है। नांम गोपनीय उनका उनसे पति से विवाद के कारण दोनों पति पत्नी अलग अलग हो गए है । तो विद्यालय में लोगो का कहना है।कि यह दोनों हमेशा इस बच्चो के साथ ऐसा करते है।कोई बोल नहीं पाता मना करने पर भी अपने मन के ही करते है।इस परिसर में लगभग काम करने वाले लगभग 15 सरकारी कर्मचारी है।मगर प्रधानाध्यापक शैलेंद्र किसी की भी नहीं सुनते है।
क्लास के बच्चो को बाहर बैठाकर क्या करते है।बंद दरवाजा के अंदर ये प्रधानाध्यापक शैलेंद्र।
वाराणसी आदमपुर थानाक्षेत्र इलाके के राजघाट काशी स्टेशन रोड स्थित एक प्राथमिक विद्यालय है जहां आये दिन दर्जनों बच्चो को प्रधानाध्यापक शैलेंद्र द्वारा क्लास से बाहर निकालकर गंदे गैलरी के जमीन पर बच्चो को बैठा दिया जाता है ।यह बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ है ।आप इस तस्वीर में देख सकते है कि अगर ये बच्चे पढ़ने वाले है तो इन्हें बाहर इस तरह से आखिर क्यों बैठाया गया है ।और बाहर बैठाकर आये दिन क्लास रूम को अंदर से दरवाजा बंद करके क्या करते है।प्रधानाध्यापक शैलेंद्र वही विद्यालय परिसर के अंदर कुछ टीचरों का कहना है कि प्रधानाध्यापक शैलेंद्र पहले सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे अभी लगभग 15 दिनों से बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इन्हें प्रधानाध्यापक बनाया गया है।और इनका इनके पत्नी से न्यायलय में मुकदमा विचाराधीन है।और मामला न्यायलय में विचाराधिन होते हुए एक सहायक अध्यापक को प्रधानाध्यापक कैसे बना दिया गया ये तो अधिकारी से बात करने पर ही पता चलेगा अधिकारी कैमरे के सामने कुछ बोलने को तैयार नहीं है।और इसी विद्यालय में एक महिला शिक्षामित्र है। नांम गोपनीय उनका उनसे पति से विवाद के कारण दोनों पति पत्नी अलग अलग हो गए है । तो विद्यालय में लोगो का कहना है।कि यह दोनों हमेशा इस बच्चो के साथ ऐसा करते है।कोई बोल नहीं पाता मना करने पर भी अपने मन के ही करते है।इस परिसर में लगभग काम करने वाले लगभग 15 सरकारी कर्मचारी है।मगर प्रधानाध्यापक शैलेंद्र किसी की भी नहीं सुनते है।

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