3/22/2018

सेवायोजन कार्यालय आखिर किस मर्ज की दवा। सूबे में डेढ़ करोड़ बेरोजगार, चालीस कर्मचारी वेतन पर करोड़ों खर्च फिर भी सड़क पर युवा

सेवायोजन कार्यालय आखिर किस मर्ज की दवा*
सूबे में डेढ़ करोड़ बेरोजगार, चालीस कर्मचारी वेतन पर करोड़ों खर्च फिर भी सड़क पर युवा*

वाराणसी। प्रदेश के सरकारी विभागों में डेढ़ लाख से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं और लाखों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। प्रदेश की बागडोर संभालते ही योगी सरकार ने 2 महीने के अंदर 25 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। राज्य में 'सूर्यमित्रों' की 25 हजार नियुक्तियां उत्तर प्रदेश न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (यूपीनेडा) के तहत की जाने की बात आई थी। परन्तु पूरे प्रदेश में 34 रोज़गार मेलों के माध्यम से मात्र 2255 लोगों को नौकरियां दी गई। जबकि सदन में प्रदेश के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने बताया कि पूरे प्रदेश में 15,921,163 युवाओं ने सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराया है।  वहीं रोजगार मुहैया कराने वाला सेवायोजन कार्यालय पूरी तरह से सफेद हाथी सिद्ध हो रहै हैं। कमोवेश ऐसा ही कुछ हाल है पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र का। कहने को यहाँ लगभग चालीस कर्मचारी तैनात हैं और इनके वेतन के मद में सालाना करोड़ों खर्च होता है। लेकिन पिछले एक वर्ष में किसी भी पंजीकृत बेरोजगार युवा को यहां से सरकारी नौकरी उपलब्ध नहीं हो सकी है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी एक वर्ष में यूपी में चार लाख बेरोजगारों को नौकरी देने के इरादे जता दिए हैं। लेकिन पिछले एक वर्ष में इस सेवायोजन कार्यालय से किसी भी युवा को सरकारी नौकरी उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है। हालांकि बेरोजगारी दूर करने के लिए यहां कई रोजगार मेले का आयोजन हो चुका है। जहां पंजीकृत युवा बेरोजगारों को नौकरी के नाम पर उनका शोषण किया जाता है। अभ्यर्थियों की मानें तो कम वेतनमान व जरूरत से ज्यादा शर्तों का अनुपालन उन्हें बीच मे नौकरी छोड़ने के लिए विवश कर देता है। पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की मानें तो फिसको पावर प्राइवेट लिमिटेड़ तथा ओम इंटरप्राइजेज गुड़गांव जैसे कंपनियों ने बी.टेक, आईटीआई, स्नातक व परास्नातक बेरोजगार युवाओं को अच्छे पैकेज पर नौकरी के लिए चयनित किया लेकिन बाद में जितनी भी  कम्पनियां आईं महज खानापूर्ति में जुटी रहीं।

पिछले तीन वर्ष में रहे 59 हजार पंजीकृत बेरोजगार*

सेवायोजन कार्यालय वाराणसी में पिछले तीन वर्ष से अब तक कुल पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 58944 रही। वहीं जनवरी 2017 से दिसम्बर 2017 तक 7341 पुरुषों व 1291 महिलाओं ने अपना पंजीयन कराया।

सपा सरकार में रही पंजीयन की होड़

पूर्व सपा सरकार में इस सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराने के लिए युवा बेरोजगारों में गजब की होड़ रही। कारण बेरोजगारी भत्ता के लिए एक वर्ष मे ही यह आंकड़ा डेढ़ लाख पार कर गया था। युवाओं के पंजीयन को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रत्येक माह रोजगार मेले का आयोजन शुरू किया गया था।
ज्यादातर समय लटका रहता है कार्यालय में ताला*

एक तरफ युवा जहां बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं वहीं सेवायोजन जैसे कार्यालयों में सरकार के नुमाइन्दे मौजकाट रहे हैं। यहां भी कुछ ऐसा ही हाल है। ज्यादातर समय कार्यालय पर ताला लटका रहता है और पंजीकरण कराने आने वाले युवा भटकते फिरते हैं।


*कार्यालय में कर्मचारियों की ज्यादा संख्या निरर्थक-प्रभाशंकर

युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में फिसड्डी साबित हो रहे सेवायोजन कार्यालय के सहायक निदेशक प्रभाशंकर शुक्ल  का कहना है कि यहां बेवजह ज्यादा कर्मचारियों की तैनाती की गई है। कहा कि करीब 40 कर्मचारी हैं जबकि कार्य दो-चार लोगों का है। शेष कर्मचारियों की अन्यत्र किसी विभाग में भेज देना चाहिए जिससे उक्त विभाग की कुछ समस्या हल हो सके।

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