9/06/2018

भारत बंदः PM संसदीय क्षेत्र काशी में छात्रों ने कहा कुर्सी खिसक जाएगी और PM मोदी को पता भी नहीं चलेगा


वाराणसी: एससी/एसटी एक्ट के विरोध में सवर्णों ने भारत बंद का ऐलान किया था. इसका असर पूरे देश में दिखाई दे रहा है. इसे लेकर सवर्ण समाज के लोग गुरुवार को सड़कों पर उतरकर एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ स्थानीय लोगों ने भी जमकर विरोध जताया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हैदराबाद गेट को बंद करके छात्रों ने केंद्र और प्रदेश की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विरोध के दौरान टायर जलाकर लोगों को रोकने का प्रयास भी किया. विरोध करने वालों का आरोप था कि प्रधानमंत्री राजनीति की वजह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एससी/एसटी एक्ट में संशोधन बिल लाए हैं.

विरोध कर रहे संदीप सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं सरकार एससी/एसटी एक्ट में संशोधन करे. पहले जांच कराए फिर एफआईआर करे और अग्रिम जमानत का प्रावधान रहे जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश था. सर्वोच्च न्यायालय से बढ़कर कोई नहीं है. सरकार अपने दोहरी करण का प्रदर्शन करते हुए एक तरफ जहां राम मंदिर बनाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार कर रही है, वही एससी/एसटी एक्ट के लिए सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ जाकर कानूनबनाना चाहती है. उन्हें आरक्षण को आर्थिक आधार पर लागू करना चाहिए.

वहीं राजवीर सिंह ने कहा कि दमनकारी मोदी सरकार के ऊपर एससी/एसटी एक्ट का जो अध्यादेश है वह जनता को थप्पड़ मारने जैसा है. अगर आज सरकार नहीं चेती तो हम युवा हैं, वायु का उल्टा युवा हैं. ये हवा नौजवानों की है. हम किसी भी स्तर तक जा सकते हैं. हमने उनको कुर्सी देने का काम किया है तो कुर्सी तोड़ने का काम भी करेंगे. वो कुर्सी पर बैठे तो रहेंगे लेकिन उनकी कुर्सी कब खिसक जाएगी पता भी नहीं चलेगा.

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