कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गंगा वाटर प्यूरीफिेकेशन के लिए 10 सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। उसकेचेयरमैन डॉ मुरली मनोहर जोशी थे और उस कमेटी में प्रो ज्ञान स्वरूप 'सानंद' सदस्य थे। प्रो सानंद ने उस कमेटी की रिपोर्ट पर दस्तखत करने से इंकार कर दिया था। वह गंगा पर बांधों के निर्माण के खिलाफ थे। दरअसल यह कमेटी भूकंप और गंगा जल की शुद्धता की जांच के लिए बनी थी। आशय था कि जैसे भुज में भूकंप आया था वैसे भूकंप इधर आता है तोइन बांधों पर क्या असर पड़ेगा। एक पर्यावरणविद् के रूप में वह इस रिपोर्ट से सहमत नहीं थे। ऐसे में उन्होंने इस पर दस्तखत नहीं किया। रायने उस कमेटी की रिपोर्ट को मीडिया के सामने रखते हुए कहा कि यह तत्कालीन भजपा सरकार के कार्यकाल की रिपोर्ट है,कांग्रेस या मेरी नहीं।
उन्होने कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकारने स्वामी सानंद पर काफी दबाव बनाया। काफी प्रलोभन भी दिया लेकिन वह अपने इरादे से टस से मस नहीं हुए। ऐसे में भाजपा तभी से उनके पीछे पड़ी थी। उन्होंने भाजपा को देश के महान वैज्ञानिक, महान पर्यावरणविद और महान संत की मौत का जिम्मेदार करार दिया।
No comments:
Post a Comment