वाराणसी में प्लाइवुड और शीशा कारोबारी की फर्म-गोदाम पर आयकर सर्वे, मचा हड़कंप
कंप्यूटर, हार्ड डिस्क, खरीद बिक्री, स्टॉक रजिस्टर कब्जे में लेकर जांच जारी -
सरफ़राज़ अहमद
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वाराणसी के नई सड़क स्थित प्लाइवुड और शीशा कारोबारी ओबैद अहमद की फर्म व गोदाम पर आयकर की टीम मंगलवार दोपहर सर्वे करने पहुंची। यूपी प्लाइवुड और ब्राइट एल्युमीनियम नाम से चल रही फर्म पर कर चोरी के मामले में सर्वे की यह कार्रवाई की गई। टीम ने बिलिंग संबंधी कागजात के साथ ही कंप्यूटर हार्ड डिस्क अपने कब्जे में ले लिया है।
खरीद बिक्री व स्टॉक रजिस्टर की जांच जारी है।आयकर विभाग की ओर से बड़े पैमाने पर कर चोरी करने वालों की सूची तैयार कराए जाने के बाद अब कार्रवाई शुरू की गई है। अपर आयकर आयुक्त अभय ठाकुर के निर्देशन में करीब 30 से अधिक अधिकारियों की टीम एक साथ नई सड़क स्थित फर्म और रोहनिया गोदाम पर सर्वे करने पहुंची। टीम के पहुंचते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
सूत्रों की मानें तो सर्वे में प्रथम दृष्ट्या जांच के दौरान टीम को कर चोरी के प्रमाण के साथ ही कुछ गड़बडि़यां भी मिली हैं, लेकिन जांच पूरी होने से पहले अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। संबंधित फर्म के पास स्टॉक इतना अधिक है कि जांच की कार्रवाई बुधवार तक चल सकती है।
सर्वे की कार्रवाई में आयकर अधिकारी पीके श्रीवास्तव, अशोक कुमार यादव, एसपी चौहान, सुनील सिंह, शैलेंद्र सिन्हा, समीर श्रीवास्तव, नवेंदु, दिलीप श्रीवास्तव, आशुतोष, ओमशंकर, वीएस राय आदि शामिल रहे।
प्रथम दृष्टया वार्षिक रिटर्न काफी कम घोषित कर टैक्स की चोरी सामने आई है। पिछले कई साल के रिटर्न को खंगाले के बाद आयकर विभाग ने सर्वे की कार्रवाई शुरू की। सर्वे पूरा होने के बाद फर्म संचालक पर आयकर और जीएसटी दोनों का शिकंजा कस सकता है।
अपर आयकर आयुक्त अभय ठाकुर ने कहा कि कर चोरी के मामले में ही यूपी प्लाइवुड और ब्राइट एल्युमिनियम फर्म व गोदाम पर सर्वे की कार्रवाई चल रही है। मौके पर मिले कागजात, कंप्यूटर के रिकार्ड की जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि कितने की कर चोरी है। कर चोरी करने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
क्षमता से अधिक स्टॉक रखना पड़ सकता है भारी
प्लाइवुड, शीशा और एल्युमीनियम कारोबारी को गोदाम में क्षमता से अधिक सामान रखना भारी पड़ सकता है। हालांकि देर रात तक कार्रवाई चल रही है। सूत्रों की माने तो कागजों में दर्ज आंकड़ों और मौके पर मिले स्टॉक में भारी अंतर मिला है। इसके लिए फर्म संचालक पर बड़ी करवाई हो सकती है। आयकर अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि कर से बचने के लिए आखिर गोदाम के नाम पर कहीं और स्टॉक तो नहीं रखा गया है।
कर चोरी की जानकारी के बाद शुरू सर्वे में अधिकारियों ने जब स्टॉक का मिलान शुरू किया कि तो कागजों में घोषित किए गए स्टॉक से यहां बहुत अधिक समान रखा पाया गया है। सूत्रों की मानें तो आयकर की चोरी साथ ही संबंधित फर्म की ओर से जीएसटी की चोरी भी पकड़ी गई है। ऐसा इसलिए कि कम स्टॉक दिखाने पर आयकर और जीएसटी दोनों कम देना पड़ेगा।
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