सरफ़राज़ अहमद
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को यूपी में अवैध खनन घोटाले के सिलसिले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर छापे मारे।
वाराणसी/लखनऊ. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को यूपी में अवैध खनन घोटाले के सिलसिले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर छापे मारे। इस मामले में दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, हमीरपुर और जालौन में तलाशी ली गई। कहा जा रहा है कि इससे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है क्योंकि उनके मुख्यमंत्री रहते ही यह घोटाले हुए थे। ऐसे में मामले में उनसे भी सीबीआई पूछताछ कर सकती है। अखिलेश सरकार के दौरान गायत्री प्रसाद प्रजापति की सरपरस्ती में यह अवैध खनन का घोटाला सौ करोड़ से अधिक का था।
इन स्थानों पर तलाशी ली गई-
सूत्रों का कहना कि सीबीआई ने आईएएस अफसर व हमीरपुर की पूर्व जिलाधिकारी बी. चंद्रकला के ठिकानों पर भी छापे मारे हैं। सीबीआई ने पहले यूपी में अवैध खनन घोटाला मामले में प्रारंभिक जांच दर्ज की थी और अब मामला भी दर्ज कर दिया है। सीबीआई के सूत्रों के अनुसार जालौन, हमीरपुर, नोएडा, लखनऊ और कानपुर के 12 स्थानों पर तलाशी ली गई। सरकारी अधिकारियों सहित 11 लोग इसमें शामिल हैं। सीमित अवधि के लिए खनन को प्रतिबंध कर दिया गया था, हालांकि सरकारी अधिकारियों ने प्रतिबंध के बावजूद खनन की अनुमति दे दी थी।
कोर्ट ने लगा दी थी रोक-
हमीरपुर में अवैध खनन को लेकर विजय द्विवेदी ने याचिका दायर की थी जिसके बाद हाईकोर्ट के मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बावजूद जिले में अवैध खनन खुलेआम होता रहा। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें व याचिका पर सुनवाई करते हुये हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके बाद से जांच चल रही है। अवैध खनन करने को लेकर सीबीआई की उस समय हमीरपुर में डीएम रह चुकीं बी चंद्रकला के साथ ही दो अन्य IAS अधिकारी संध्या तिवारी और भवनाथ से पूछताछ की योजना थी।
सौ करोड़ का खनन घोटाला-
गायत्री प्रजापति अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इस दौरान खनन घोटाला सामने आया था। गायत्री प्रजापति के खिलाफ सौ करोड़ के अवैध खनन के भ्रष्टाचार की लोकायुक्त को शिकायत की गई थी। हमीरपुर जिले में अवैध मौरंग खनन और सिंडीकेट के नेटवर्क से कई सौ करोड़ की वसूली किये जाने के मामले में एमएलसी सहित तमाम मौरंग व्यवसायी सीबीआई के रडार पर आ गये हैं।
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को यूपी में अवैध खनन घोटाले के सिलसिले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर छापे मारे।
वाराणसी/लखनऊ. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को यूपी में अवैध खनन घोटाले के सिलसिले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर छापे मारे। इस मामले में दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, हमीरपुर और जालौन में तलाशी ली गई। कहा जा रहा है कि इससे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है क्योंकि उनके मुख्यमंत्री रहते ही यह घोटाले हुए थे। ऐसे में मामले में उनसे भी सीबीआई पूछताछ कर सकती है। अखिलेश सरकार के दौरान गायत्री प्रसाद प्रजापति की सरपरस्ती में यह अवैध खनन का घोटाला सौ करोड़ से अधिक का था।
इन स्थानों पर तलाशी ली गई-
सूत्रों का कहना कि सीबीआई ने आईएएस अफसर व हमीरपुर की पूर्व जिलाधिकारी बी. चंद्रकला के ठिकानों पर भी छापे मारे हैं। सीबीआई ने पहले यूपी में अवैध खनन घोटाला मामले में प्रारंभिक जांच दर्ज की थी और अब मामला भी दर्ज कर दिया है। सीबीआई के सूत्रों के अनुसार जालौन, हमीरपुर, नोएडा, लखनऊ और कानपुर के 12 स्थानों पर तलाशी ली गई। सरकारी अधिकारियों सहित 11 लोग इसमें शामिल हैं। सीमित अवधि के लिए खनन को प्रतिबंध कर दिया गया था, हालांकि सरकारी अधिकारियों ने प्रतिबंध के बावजूद खनन की अनुमति दे दी थी।
कोर्ट ने लगा दी थी रोक-
हमीरपुर में अवैध खनन को लेकर विजय द्विवेदी ने याचिका दायर की थी जिसके बाद हाईकोर्ट के मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बावजूद जिले में अवैध खनन खुलेआम होता रहा। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें व याचिका पर सुनवाई करते हुये हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके बाद से जांच चल रही है। अवैध खनन करने को लेकर सीबीआई की उस समय हमीरपुर में डीएम रह चुकीं बी चंद्रकला के साथ ही दो अन्य IAS अधिकारी संध्या तिवारी और भवनाथ से पूछताछ की योजना थी।
सौ करोड़ का खनन घोटाला-
गायत्री प्रजापति अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इस दौरान खनन घोटाला सामने आया था। गायत्री प्रजापति के खिलाफ सौ करोड़ के अवैध खनन के भ्रष्टाचार की लोकायुक्त को शिकायत की गई थी। हमीरपुर जिले में अवैध मौरंग खनन और सिंडीकेट के नेटवर्क से कई सौ करोड़ की वसूली किये जाने के मामले में एमएलसी सहित तमाम मौरंग व्यवसायी सीबीआई के रडार पर आ गये हैं।
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