6/10/2021

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव की पहल, कोरोना महामारी में अपने माता पिता खो चुके शुन्य से 18 वर्ष के बच्चो को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत लाभ दिया जाएगा

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव की पहल, कोरोना महामारी में अपने माता पिता खो चुके शुन्य से 18 वर्ष के बच्चो को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत लाभ दिया जाएगा

(ब्यूरो चीफ क्राइम रिपोर्टर 
धर्मेन्द्र कुमार सिंह)

उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश श्री ओ   पी त्रिपाठी ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए हैं इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती कुमुद लता त्रिपाठी ने बताया की कोरोना वायरस दूसरी लहर ने कई बच्चों के सर से उनके माता पिता का साया छीन लिया है। उत्तर प्रदेश में भी इस महामारी ने जमकर तबाही मचाई उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए विशेष योजना की शुरुआत की है जिसका नाम मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना दिया गया है। इस विशेष योजना में 0 से अट्ठारह साल के ऐसे बच्चे शामिल किए गए हैं जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड़-19 हो गई हो या माता-पिता में से एक की मृत्यु 1 मार्च 2020 से पहले हो गई थी तथा दूसरे की मृत्यु कोविड-19 से  हो गई अथवा दोनों की मौत 1 मार्च 2020 से पहले हो गई थी और  वैध संरक्षक की मृत्यु कोरोना कॉल में हो गई इसके अलावा 0 से 18 साल के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड-19 से हो गई हो और वह परिवार का मुख्य कर्ता हो और वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आई ₹200000 प्रति वर्ष से अधिक ना हो को भी इस योजना में शामिल किया गया है योजना का लाभ पाने के लिए कोविड-19 से निधन का साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटी पीसीआर की पॉजिटिव रिपोर्ट ब्लड रिपोर्ट या सिटी स्कैन में कोविड-19 के इंफेक्शन की पुष्टि होनी चाहिए ।प्राधिकरण के सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि योजना के तहत सभी पात्र बच्चों के पालन पोषण के लिए प्रतिमाह  ₹4000 की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह आर्थिक सहायता बच्चे के वयस्क होने तक प्रदान की जाएगी। इस योजना के माध्यम से बालिकाओं की शादी के लिए ₹101000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।साथ ही मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जो बच्चे व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे होंगे उनको टेबलेट /लैपटॉप प्रदान किया जायेगा। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत आने वाले बच्चे की आयु यदि 10 बर्ष से कम है और उसका कोई  अभिभावक नही है तो इस स्थिति में बच्चे को आवासीय सुबिधा भी प्रदान की जाएगी।यह सुविधा राजकीय बाल गृह के माध्यम से प्रदान की जाएगी।सभी अवयस्क लड़कियों को भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गाँधी बालिका   विद्यालय, प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह एवम अटल आवासीय विद्यालयो के माध्यम से शिक्षा एवम आवास की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए तथा बच्चे की आयु 18 बर्ष या फिर 18 बर्ष से कम होनी चाहिए। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को विकास / पंचायत अधिकारी या विकासखंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय से योजना का आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा और शहरी क्षेत्र में रहने वालों को लेखपाल, तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा तथा आवेदन पत्र में पूछी गयी जानकारी दर्ज करते हुए महत्वपूर्ण दस्तावेज लगाकर आवेदन पत्र कार्यालय में जमा करना होगा। इस प्रकार उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना  के अंतर्गत आवेदन किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत माता पिता की मृत्यु के 2 बर्ष के भीतर आवेदन किया जा सकता है।

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