4/29/2024

राजनीति जो न कराए...मुख्तार अंसारी की भतीजी नुसरत ने मंदिर में की पूजा, पिता अफजाल के लिए हर दरवाजे पर टेक रही माथा

राजनीति जो न कराए...मुख्तार अंसारी की भतीजी नुसरत ने मंदिर में की पूजा, पिता अफजाल के लिए हर दरवाजे पर टेक रही माथा

सत्ता का सुख पाने के लिए नेता हर वो पैतरे अपनाते हैं, जिससे उन्हें सफलता मिल सके. वोट पाने के लिए चुनाव के समय सभी धर्म को अपना मानने के साथ ही गरीबों के घर पर भी मत्था टेकने से नहीं चूकते हैं. ऐसे में अब माफिया मुख्तार अंसारी की भतीजी अपने पिता और सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी को जिताने के लिए मंदिरों में पूजा-पाठ करती हुई नजर आ रही हैं.

गाजीपुर लोकसभा सीट पर इस समय पूरे देश की नजर है. जिसकी वजह है माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी हैं. अफजाल पिछली बार सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर भाजपा के कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को हराकर जीत दर्ज की थी. अब अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत की एक तस्वीर सामने आयी है. जिससे इन अटकलों को और हवा मिल गयी है कि अगर अफजाल के चुनाव लड़ने पर रोक लगती है तो बेटी नुसरत मैदान में उतर सकती हैं. सपा कार्यालय में अफजाल अंसारी और सदर विधायक जैकिशन साहू के साथ मंत्रणा करत हुए नुसरत की एक फोटो सामने आई है. वहीं, डोर टू डोर प्रचार करती भी दिख रहीं हैं. नुसरत चुनाव प्रचार के साथ ही शिव मंदिर में पूजा करती भी दिख रहीं हैं.

बता दें कि अफजाल अंसारी को 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से गैंगेस्टर मामले में 4 साल की सजा हुई थी और उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गयी थी. सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में अपील की, जहां से उनको जमानत तो मिली पर सजा से राहत नहीं मिली. इसके बाद अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी और उनको चुनाव लड़ने के योग्य करार दिया. साथ ही इलाहाबाद हाइकोर्ट को 30 जून 2024 तक मामले का निस्तारण का आदेश दिया। हाइकोर्ट में 2 मई को इस मामले में सुनवाई होनी है और गाजीपुर में 7 मई से नामांकन शुरू होना है. यदि इस बीच अफजाल अंसारी की सजा हाइकोर्ट से बहाल हो जाती है तो अफजाल चुनाव नहीं लड़ पायेंगे. यदि सुनवाई टलती है तो अफजाल पर सजा की तलवार लटकती रहेगी.

यही वजह है कि कयास लगाया जा रहा है कि अफजाल चुनाव में अपनी बेटी को उतार सकते हैं. बेटी नुसरत का सपा कार्यालय पर आना और चुनाव प्रचार में शामिल होना, इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. इस मामले में अफजाल अंसारी फिलहाल कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं.

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