वाराणसी:* पूर्वांचल का कुख्यात माफिया प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की जेल में हुई हत्या के करीब दस दिन पहले उनकी पत्नी सीमा सिंह ने पति के जान को खतरा होने की आशंका जाहिर की थी। इसके अलावा मुन्ना बजरंगी के वकीलों ने भी झांसी और बागपत पुलिस पर गंभीर आरोप मढ़े थे। वकीलों ने कहा था कि उनके मुवक्किल मुन्ना बजरंगी को डॉक्टरों की मनाही के बावजूद पुलिस 10 से 12 घंटे की यात्रा कराने पर तुली है। यह सब एक साजिश के तहत की जा रही है।
बता दें कि हत्या के करीब दस दिन पहले प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने पति के एनकाउंटर होने की शंका जाहिर की थी। उन्होंने इतना तक कह दिया था कि एसटीएफ अधिकारी के इशारे पर खाने में जहर तक दिया गया। लिहाजा, पति की कभी-भी कराई जा सकती है। प्रशासन का रवैया पति यानी मुन्ना बजरंगी के बिल्कुल खिलाफ है।
*वकीलों ने लगाए आरोप*
वहीं मुन्ना बजरंगी के वाराणसी कानूनी अधिवक्ता शशिकान्त राय उर्फ "चुन्ना राय", अनुज यादव ने झांसी और बागपत पुलिस पर आरोप लगाया। वकीलों ने कहा कि पुलिस मुवक्किल यानी मुन्ना बजरंगी को जान से मारने की नीयत से बागपत पेशी पर ले गयी है, जबकि झांसी जेल के डॉक्टर ने ब्लड प्रेशर बढ़े होने से लंबी यात्रा ना करने की सलाह दी है। इसके बावजूद 10 से 12 घंटे की लगातार यात्रा करा कर पुलिस मार ढ़ालने की साजिश रच रही है।
*अधिवक्ताओंं ने उठाए सवाल*
अधिवक्ताओं का कहना था कि वाराणसी एडीजी चतुर्थ कोर्ट ने 302 यानी हत्या के केस में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के तहत पेशी कराने के लिए वारंट-बी झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी को तामील कराया गया। इसके बावजूद बागपत के सीजीएम कोर्ट में रिमांड कस्टेडी की मांग करना ठीक नहीं है।
*येे है पूरा मामला…*
दरअसल, बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी। जिसके लिए कल उनको झांसी जेल से बागपत लाया गया था। इसके बाद आज जेल में ही मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद से जेल की सुरक्षा को लेकर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों को यह भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर बंदी गृह यानी सुधार गृह (जेल) मौजूदा वक्त में सुरक्षित नहीं है। बहरहाल, मामला जांच के दायरे में है।
बता दें कि हत्या के करीब दस दिन पहले प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने पति के एनकाउंटर होने की शंका जाहिर की थी। उन्होंने इतना तक कह दिया था कि एसटीएफ अधिकारी के इशारे पर खाने में जहर तक दिया गया। लिहाजा, पति की कभी-भी कराई जा सकती है। प्रशासन का रवैया पति यानी मुन्ना बजरंगी के बिल्कुल खिलाफ है।
*वकीलों ने लगाए आरोप*
वहीं मुन्ना बजरंगी के वाराणसी कानूनी अधिवक्ता शशिकान्त राय उर्फ "चुन्ना राय", अनुज यादव ने झांसी और बागपत पुलिस पर आरोप लगाया। वकीलों ने कहा कि पुलिस मुवक्किल यानी मुन्ना बजरंगी को जान से मारने की नीयत से बागपत पेशी पर ले गयी है, जबकि झांसी जेल के डॉक्टर ने ब्लड प्रेशर बढ़े होने से लंबी यात्रा ना करने की सलाह दी है। इसके बावजूद 10 से 12 घंटे की लगातार यात्रा करा कर पुलिस मार ढ़ालने की साजिश रच रही है।
*अधिवक्ताओंं ने उठाए सवाल*
अधिवक्ताओं का कहना था कि वाराणसी एडीजी चतुर्थ कोर्ट ने 302 यानी हत्या के केस में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के तहत पेशी कराने के लिए वारंट-बी झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी को तामील कराया गया। इसके बावजूद बागपत के सीजीएम कोर्ट में रिमांड कस्टेडी की मांग करना ठीक नहीं है।
*येे है पूरा मामला…*
दरअसल, बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी। जिसके लिए कल उनको झांसी जेल से बागपत लाया गया था। इसके बाद आज जेल में ही मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद से जेल की सुरक्षा को लेकर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों को यह भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर बंदी गृह यानी सुधार गृह (जेल) मौजूदा वक्त में सुरक्षित नहीं है। बहरहाल, मामला जांच के दायरे में है।
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