7/11/2018

डॉन बजरंगी की गैंग कौन संभालेगा जानिए आप भी


सरफ़राज़ अहमद

वाराणसी:पूर्वांचल में दहशत का दूसरा नाम मुन्ना बजरंगी, जिसकी लंबी-चौड़ी टीम ने पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों की मंडियों और बाजारों में इस कदर आतंक फैला रखा था कि लोग बजरंगी का नाम सुनकर कांपते थे, लेकिन बजरंगी की हत्या के बाद अब सवाल उठने लगा है कि पूर्वांचल में उसका लंबा-चौड़ा काला कारोबार कौन संभालेगा।

*खुद बजरंगी के भाई ने दिया हिंट*

यह सवाल उठना इसलिए भी लाजमी है क्योंकि मुन्ना बजरंगी कि विरासत को संभालने वाला अभी फिलहाल कोई ऐसा तैयार नहीं हुआ है जो उसकी गैंग को पूरी तरह से ऑपरेट कर सके। इस बीच बजरंगी के परिवार वाले बजरंगी कि इस पूरी विरासत को उसकी पत्नी सीमा सिंह को सौंपने की तैयारी कर चुके हैं। यह बात मुन्ना बजरंगी की अंतेष्टि के दौरान मणिकर्णिका घाट पर उस वक्त साफ हो गई, जब उसके छोटे भाई राजेश सिंह ने बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह को माता कहते हुए यह कहा कि जो सीमा सिंह कहेंगी अब वही होगा।

*शूटरों को पुलिस ने लगाया ठिकाने*

दरसअल, बजरंगी गैंग की कमान उसकी पत्नी को सौंपना मजबूरी है। इसकी बड़ी वजह यह है कि बजरंगी के जेल जाने के बाद उसकी तरफ से कोई ऐसा शूटर तैयार नहीं किया गया, जो उसका सबसे ज्यादा भरोसे मंद हो। ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि 2008 तक बजरंगी गिरोह के करीब-करीब सभी सक्रिय शूटर्स को पुलिस ने उनके सही ठिकाने तक पहुंचाने का काम कर दिया था। कुछ जो बचे थे उन्होंने बजरंगी गैंग से किनारा कर खुद का साम्राज्य स्थापित करना शुरू कर दिया था।

पूर्वांचल में बजरंगी गैंग को सबसे बड़ा और सक्रिय गैंग माना जाता है। चाहे वाराणसी की सप्तसागर दवा मंडी हो या फिर पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडियों में शुमार विशेश्वरगंज मंडी हो। इन मंडियों से हर महीने करोड़ों रुपये रंगदारी के रूप में बजरंगी गैंग के शूटर वसूलने का काम करते हैं।

कई शातिर रहे हैं गैंग के शूटर्स

कुछ पुराने पुलिस ऑफिसर्स की मानें तो मुन्ना बजरंगी गैंग में कभी बनारस के कई शूटर्स शामिल थे। अन्नू त्रिपाठी, बाबू यादव, मुन्नू तिवारी, दुर्गा अग्रहरि, कृपा शंकर चौधरी और मेराज कुछ ऐसे शूटर्स थे जिनका नाम सुनकर ही पूर्वांचल में दहशत फैल जाती थी, लेकिन इनके बढ़ रहे आतंक को पुलिस ने समय रहते शांत करने का काम किया और एक-एक करके कई शूटर्स को मौत की नींद सुला दिया। वर्तमान समय में मेराज तिहाड़ जेल में बंद है और बजरंगी गैंग से उसने दूरी बना रखी है। अन्नू त्रिपाठी की जेल में हुई हत्या के बाद बाबू यादव गैंगवार में मारा गया।

दुर्गा अग्रहरि का एनकाउंटर हुआ, जबकि बाकी सदस्य भी अपनी गति को प्राप्त हुए। मुन्ना बजरंगी का सबसे भरोसेमंद शूटर विश्वास नेपाली भी अंडरवर्ल्ड में भले ही सक्रिय हो, लेकिन वह ऑपरेट कहां से कर रहा है यह पक्का नहीं है। पुलिस भी विश्वास नेपाली की कोई लोकेशन ट्रेस कर पाने में लंबे वक्त से नाकाम है, जिसकी वजह से यह कह पाना मुश्किल है कि विश्वास नेपाली इस गैंग को आगे संचालित करेगा। इसके बाद बचता है तो मुन्नू तिवारी, क्योंकि मुन्नू तिवारी बजरंगी के उन शूटर्स में शामिल है जो ईमान दारी के साथ रंगदारी की रकम बजरंगी तक पहुंचाने का काम करता है।

भरोसे के लायक नहीं है कोई

इसके अलावा बजरंगी गैंग में वर्तमान समय में हजारी अजीम, रिंकू सिंह, वकील पांडे और अहमद, डॉक्टर जैसे शूटर्स भी हैं, लेकिन इनको गैंग की कमान सौंपी जाए या नहीं इसे लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है। इसी वजह से परिवार के लोगों ने बजरंगी गैंग की कर्ता-धर्ता उसकी पत्नी सीमा सिंह को ही बनाने का निर्णय कर लिया है। अब पूर्वांचल में माफिया राज की एक नई शुरुआत कही जा सकती है। 

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