नोटबंदी से जुड़े रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि उन्होंने 15-20 सबसे बड़े ‘क्रोनी कैपिटलिस्ट’ (सत्ताधारियों से साठगांठ करने वाले पूंजीपतियों) के कालेधन को सफेद कराने में मदद के इरादे से नोटबंदी का कदम उठाया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से पूछा कि क्या वे स्वतंत्र होकर लिख रहे हैं या दबाव महसूस कर रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में मुस्कराते हुए राहुल ने संवाददाताओं से पूछा कि आप कैसे हैं, आपका मूड कैसा है? क्या आप इन दिनों स्वतंत्र रूप से लिख रहे हैं या कोई दबाव है..? मुख्य रूप से नोटबंदी के मसले पर बातचीत के लिए आए राहुल ने मसले पर बोलने से पहले मुस्कराते हुए कहा कि देश का सामान्य मूड ऐसा है कि लोग खुलकर बोलने से थोड़े भयभीत हैं। प्रेस वाले भी थोड़ा झिझक के साथ काम करते हैं, लेकिन आपको हमारी ओर से पूरा समर्थन है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी जी ने जनता की जेब से पैसे लेकर क्रोनी कैपिटलिस्ट लोगों की मदद की। यही नोटबंदी का लक्ष्य था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के समय मोदी जी के मित्रों ने कालेधन को सफेद में बदलने का काम किया। गुजरात का सहकारी बैंक इसका उदाहरण है। अमित शाह जिस बैंक में निदेशक हैं उसमें 700 करोड़ रुपये जमा किए गए। इसलिए यह नोटबंदी बड़ा घोटाला था।
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