वाराणसी: गुजरात में यूपी और बिहार के लोगों पर हो रहे हमलों और वहां से लोगों के पलायन के बाद अब गुजरात के लोगों का यूपी-बिहार में विरोध के चलते वाराणसी पुलिस को एक रिलीज जारी कर सफाई देनी पड़ी है कि वाराणसी में गुजरातियों को डराया-धमकाया नहीं जा रहा है।
गौरतलब है कि गुजरात के साबरकांठा जनपद में एक बच्ची से रेप के बाद गुजरात के अलग-अलग जनपदों से यूपी-बिहार के लोगों पर हमले और मारपीट की घटना सामने आने के बाद यूपी-बिहार के लोगों का हजारों की संख्या में अपने घरों की ओर पलायन शुरू हो गया है। इसी दौरान वाराणसी में भी पिछले दिनों न केवल पीएम मोदी को गुजराती बताकर बनारस छोड़ने का पोस्टर जारी हुआ था और दूसरी ओर से गुजरात के कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर का रावण रूपी पोस्टर जारी कर दिया गया था।
गुजरात के मामले में मीडया में आयी भ्रामक ख़बरें
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेश राव आनंद कुलकर्णी के मुताबिक गुजरात की मीडिया में ऐसी भ्रामक खबरे प्रचारित-प्रसारित की जा रहीं हैं, जिसमें गुजरातियों को वाराणसी से छोड़कर जाने के लिए डराने-धमकाने और बदसलूकी की खबरे थी जिसके बाद वाराणसी पुलिस ने गुजराती समाज के लोगों के साथ संपर्क किया, लेकिन ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया।
अफवाहों पर न दें ध्यान
उन्होंने कहा कि गुजराती समाज को न तो किसी तरह की धमकी दी गई और न ही हमला किया गया है। ऐसी किसी भी तरह मीडिया रिपोर्ट तथ्यहीन और बेसलेस है। एसएसपी ने बताया कि हमने जनपद के सभी थानों को निर्देशित भी किया है कि ऐसी किसी भी तरह की शिकायत को तत्तपरता से लिया जाए। हमारी सभी लोगों से अपील है कि वो किसी भी तरह की अफवाहों पर यकीन न करें और तुरंत कोई प्रतिक्रिया न करें और शांति व्यवस्था कायम रखने में पुलिस का सहयोग करें।
एसएसपी वाराणसी ने हाल ही में वाराणसी में गुजरात घटना से संबंधित जारी हुए पोस्टर वार को लेकर भी कहा कि इसपर कार्रवाई की गई है, जिसमें कुछ गिनती के लोग अपने राजनैतिक और सीमित लाभ के लिए पोस्टर छपवा रहें हैं। ऐसे लोगों का विरोध होना चाहिए। ऐसे लोगों पर कार्रवाई के अलावा पुलिस अपनी नजर भी बनाई हुई है कि अगर इनके द्वारा कुछ किया जायेगा तो पुलिस सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी।
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