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सरफ़राज़ अहमद
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यूपी के गाजीपुर में हुए चर्चित कुंडेसर चट्टी हत्याकांड में दोष मुक्त एमएलसी बृजेश सिंह तथा त्रिभुवन सिंह शुक्रवार को कोर्ट में उपस्थित हुए
यूपी के गाजीपुर में हुए चर्चित कुंडेसर चट्टी हत्याकांड में दोष मुक्त एमएलसी बृजेश सिंह तथा त्रिभुवन सिंह शुक्रवार को कोर्ट में उपस्थित हुए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सरोज कुमार यादव की अदालत में उपस्थित होकर जमानत (बंध पत्र) पेश किया। उच्च न्यायालय के आदेश पर दोनों उपस्थित हुए थे। इस दौरान कचहरी परिसर में सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे।
दो मई 1991 को तत्कालीन विधायक अफजाल अंसारी के प्रचार वाहन पर रात में हमला हुआ था। उसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले की स्थानीय न्यायालय में सुनवाई की गई और जुलाई 2018 में आरोपी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए थे। इसके बाद वादी की ओर से पंकज सिंह ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अपील की।
इसी पक्ष के राजीव रंजन सिंह ने उच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की। इस पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए एमएलसी बृजेश सिंह तथा त्रिभुवन सिंह को 10 और 11 अक्तूबर को जमानत बंध पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। दोनों आरोपी शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में उपस्थित हुए और अनुपालन अनुभाग में बंध पत्र दाखिल किया।
मएलसी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के आने की सूचना पर खुफिया विभाग से लेकर जिला पुलिस कचहरी के बाहर सादे वेश में डटी हुई थी। प्रत्येक द्वार पर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया था। संदिग्धों की जांच-पड़ताल बृजेश और त्रिभुवन के आने से पहले ही होने लगी थी।
इस दौरान क्षेत्राधिकारी सदर महिपाल पाठक तथा कोतवाल बृजेश यादव सहित कई थानों की पुलिस कचहरी परिसर में मौजूद थी। पेशी से लेकर जनपद की सीमा पार कराने तक पुलिस की सक्रियता बनी रही। पुलिस कप्तान यशवीर सिंह और एसपी सिटी प्रदीप दुबे भी फोन से सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेते रहे।
सरफ़राज़ अहमद
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यूपी के गाजीपुर में हुए चर्चित कुंडेसर चट्टी हत्याकांड में दोष मुक्त एमएलसी बृजेश सिंह तथा त्रिभुवन सिंह शुक्रवार को कोर्ट में उपस्थित हुए
यूपी के गाजीपुर में हुए चर्चित कुंडेसर चट्टी हत्याकांड में दोष मुक्त एमएलसी बृजेश सिंह तथा त्रिभुवन सिंह शुक्रवार को कोर्ट में उपस्थित हुए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सरोज कुमार यादव की अदालत में उपस्थित होकर जमानत (बंध पत्र) पेश किया। उच्च न्यायालय के आदेश पर दोनों उपस्थित हुए थे। इस दौरान कचहरी परिसर में सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे।
दो मई 1991 को तत्कालीन विधायक अफजाल अंसारी के प्रचार वाहन पर रात में हमला हुआ था। उसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले की स्थानीय न्यायालय में सुनवाई की गई और जुलाई 2018 में आरोपी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए थे। इसके बाद वादी की ओर से पंकज सिंह ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अपील की।
इसी पक्ष के राजीव रंजन सिंह ने उच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की। इस पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए एमएलसी बृजेश सिंह तथा त्रिभुवन सिंह को 10 और 11 अक्तूबर को जमानत बंध पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। दोनों आरोपी शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में उपस्थित हुए और अनुपालन अनुभाग में बंध पत्र दाखिल किया।
मएलसी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के आने की सूचना पर खुफिया विभाग से लेकर जिला पुलिस कचहरी के बाहर सादे वेश में डटी हुई थी। प्रत्येक द्वार पर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया था। संदिग्धों की जांच-पड़ताल बृजेश और त्रिभुवन के आने से पहले ही होने लगी थी।
इस दौरान क्षेत्राधिकारी सदर महिपाल पाठक तथा कोतवाल बृजेश यादव सहित कई थानों की पुलिस कचहरी परिसर में मौजूद थी। पेशी से लेकर जनपद की सीमा पार कराने तक पुलिस की सक्रियता बनी रही। पुलिस कप्तान यशवीर सिंह और एसपी सिटी प्रदीप दुबे भी फोन से सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेते रहे।
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