सरफ़राज़ अहमद
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वाराणसी । सोमवार से बढ़ी ठंडी ने साहब को चिन्ता में डाल दिया । चिन्ता उन छोटे-छोटे बच्चों की जो इस कडाके के ठंड में भोरे-भोरे घर से निकल जाते हैं । साहब ने बिना देरी किये स्कूलों के समय में परिवर्तन कर दिया और सुबह 7 बजे चलने वाले स्कूलों को 9 बजे खुलने का निर्देश पारित कर दिया । लेकिन साहब का ये फरमान ठंडी में ठन्डे बस्ते में चला गया ।
हम बात कर रहे हैं वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह की । रविवार से बढ़ी ठंड ने सोमवार को अपना असर और गहरा छोडा ।जिसके बाद जिलाधिकारी ने बीती शाम बनारस में सभी स्कूलों को सुबह 9 बजे से खुलने का आदेश दिया ।
सुबह 7 बजे स्कूल जाता बच्चा..
लेकिन जिलाधिकारी का ये आदेश प्राईवेट स्कूलों के मनमानी के आगे फीका साबित हुआ ।प्रत्येक दिन की तरह आज भी कई प्राईवेट स्कूल सुबह 7 बजे से खुलें । जिसके कारण ठंड में ठिठुरते हुए बच्चन घर से सुबह 6 बजे ही निकलें ।
वरूणा पार भी चली स्कूलों की मनमानी..
सुबह न्यूज पेपर में पढ़ कर कई अभिभावकों ने स्कूलों में फोन की घंटी बजाई लेकिन घंटी बजती रही पर जवाब नही मिला । स्कूलों के इस मनमानी के आगे अभिभावक भी हैरान हैं लेकिन क्या करें बच्चों के भविष्य का सवाल है ।
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वाराणसी । सोमवार से बढ़ी ठंडी ने साहब को चिन्ता में डाल दिया । चिन्ता उन छोटे-छोटे बच्चों की जो इस कडाके के ठंड में भोरे-भोरे घर से निकल जाते हैं । साहब ने बिना देरी किये स्कूलों के समय में परिवर्तन कर दिया और सुबह 7 बजे चलने वाले स्कूलों को 9 बजे खुलने का निर्देश पारित कर दिया । लेकिन साहब का ये फरमान ठंडी में ठन्डे बस्ते में चला गया ।
हम बात कर रहे हैं वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह की । रविवार से बढ़ी ठंड ने सोमवार को अपना असर और गहरा छोडा ।जिसके बाद जिलाधिकारी ने बीती शाम बनारस में सभी स्कूलों को सुबह 9 बजे से खुलने का आदेश दिया ।
सुबह 7 बजे स्कूल जाता बच्चा..
लेकिन जिलाधिकारी का ये आदेश प्राईवेट स्कूलों के मनमानी के आगे फीका साबित हुआ ।प्रत्येक दिन की तरह आज भी कई प्राईवेट स्कूल सुबह 7 बजे से खुलें । जिसके कारण ठंड में ठिठुरते हुए बच्चन घर से सुबह 6 बजे ही निकलें ।
वरूणा पार भी चली स्कूलों की मनमानी..
सुबह न्यूज पेपर में पढ़ कर कई अभिभावकों ने स्कूलों में फोन की घंटी बजाई लेकिन घंटी बजती रही पर जवाब नही मिला । स्कूलों के इस मनमानी के आगे अभिभावक भी हैरान हैं लेकिन क्या करें बच्चों के भविष्य का सवाल है ।
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