12/11/2018

वाराणसी: पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद PM नरेन्द्र मोदी नहीं बदल पायेंगे अपनी संसदीय सीट...

सरफ़राज़ अहमद
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उड़ीसा की पुरी लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे की थी चर्चा, अब यूपी में बीजेपी को फिर से दिखानी होगी पुरानी ताकत

वाराणसी. पांच राज्यों के चुनाव परिणाम ने बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव 2019 में अब पीएम नरेन्द्र मोदी को अपनी संसदीय सीट बदलना आसान नहीं होगा। बनारस के सांसद पीएम मोदी के पुरी से लोकसभा चुनाव लडऩे की चर्चा थी लेकिन अब ऐसा करना संभव नहीं होगा।

आरएसएस ने खास रणनीति के तहत गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को बनारस की संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया था। नरेन्द्र मोदी की लहर के चलते बीजेपी गठबंधन ने यूपी में 80 में से 73 सीट पर विजय मिली थी। पीएम नरेन्द मोदी का ही जादू था कि यूपी चुनाव 2017 में 325 सीटों पर बीजेपी गठबंधन ने विजय पताका फहरायी थी। पीएम मोदी का जादू अब कम हो रहा है और यूपी में राहुल गांधी, मायावती व अखिलेश यादव के संभावित महागठबंधन के चलते बीजेपी के लिए 2014 वाला जादू दोहराना बेहद कठिन है ऐसे में राजनीति में कयास लगाये जा रहे थे कि पीएम नरेन्द्र मोदी उड़ीसा की पुरी सीट से संसदीय चुनाव लड़ सकते हैं इससे बीजेपी को उड़ीसा का विधानसभा चुनाव भी जीतने का मौका मिल सकता था लेकिन अब कहानी बदल गयी है अब पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपनी सीट बदली तो यूपी में बीजेपी को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ सकता है।

40 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं की दी है सौगात..

पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में विकास की कई सौगात दी है। 40 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गयी है जिसके चलते बनारस में विकास की कई योजना चल रही है तो कुछ पूरी हो गयी है। देश के पहले जलपरिवहन हल्दिया से बनारस की शुरूआत भी पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र से की है। इसके अतिरिक्त बाबतपुर फोर लेन, तीन एसटीपी, चावल अनुसंधान केन्द्र, भूमिगत बिजली का तार (आईपीडीएस), हृदय योजना, हेरिटेज योजना आदि योजना पर काम हुआ है। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम ने पीएम नरेन्द्र मोदी को अब बेबस कर दिया है और उन्हें अब बनारस विकास मॉडल के नाम पर ही लोकसभा चुनाव 2019 लडऩा होगा।

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