सरफ़राज़ अहमद
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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पहले बिल्डर से पैसे लेकर नियमों के विरुद्ध 4 मंजिला इमारत खड़ी करा दी इसके बाद पैसा ना मिलने के कारण उस इमारत को सील भी कर दिया। बतादें कि बनारस के सिगरा थाना अंतर्गत अशोक नगर कॉलोनी में वीडीए ने निर्माणाधीन इमारत पर ताला जड़ दिया है। सूत्रों के अनुसार निर्माण मानक के अनुरूप नहीं होने का आरोप लगा कर वीडीए ने इमारत का काम बंद करा दिया है। वही सूत्रों का कहना है कि वीडीए और बिल्डर से आपसी तालमेल ना बैठने के कारण इस इमारत को सील किया गया है। जबकि यह इमारत लगभग 4 मंजिल तक बनकर तैयार है। इमारत के चार फ्लोर ढाल दिये गये हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या वीडीए के अधिकारियों को इमारत बनना शुरू होने के बाद सूचना नहीं मिली थी या फिर उन्होंने आपसी सहमति से इमारत को इतनी ऊंची हो जाने दिया है। बड़ा सवाल यह है कि क्या वीडियो के अधिकारी और कर्मचारी अपनी काम पूरी इमानदारी से करते हैं आपको वाराणसी में हजारों ऐसी इमारतें मिल जाएंगी। जो अनियमित रूप से बनकर तैयार हैं और उनका व्यवसायिक लाभ भी बिल्डरों द्वारा लिया जा रहा है। ऐसे में वीडीए का यह कहना की अनियमितता के कारण इमारत का निर्माण रोक दिया गया है वीडीए के ऊपर सवालिया निशान खड़े करता है। इस मामले में वीडियो के उपाध्यक्ष से जब जानकारी लेने के लिए फोन लगाया गया तो उनका फोन नहीं उठा बता दें कि बनारस में अवैध निर्माण का कार्य बीडीए के संरक्षण में जोरों शोरों से चल रहा है।
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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पहले बिल्डर से पैसे लेकर नियमों के विरुद्ध 4 मंजिला इमारत खड़ी करा दी इसके बाद पैसा ना मिलने के कारण उस इमारत को सील भी कर दिया। बतादें कि बनारस के सिगरा थाना अंतर्गत अशोक नगर कॉलोनी में वीडीए ने निर्माणाधीन इमारत पर ताला जड़ दिया है। सूत्रों के अनुसार निर्माण मानक के अनुरूप नहीं होने का आरोप लगा कर वीडीए ने इमारत का काम बंद करा दिया है। वही सूत्रों का कहना है कि वीडीए और बिल्डर से आपसी तालमेल ना बैठने के कारण इस इमारत को सील किया गया है। जबकि यह इमारत लगभग 4 मंजिल तक बनकर तैयार है। इमारत के चार फ्लोर ढाल दिये गये हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या वीडीए के अधिकारियों को इमारत बनना शुरू होने के बाद सूचना नहीं मिली थी या फिर उन्होंने आपसी सहमति से इमारत को इतनी ऊंची हो जाने दिया है। बड़ा सवाल यह है कि क्या वीडियो के अधिकारी और कर्मचारी अपनी काम पूरी इमानदारी से करते हैं आपको वाराणसी में हजारों ऐसी इमारतें मिल जाएंगी। जो अनियमित रूप से बनकर तैयार हैं और उनका व्यवसायिक लाभ भी बिल्डरों द्वारा लिया जा रहा है। ऐसे में वीडीए का यह कहना की अनियमितता के कारण इमारत का निर्माण रोक दिया गया है वीडीए के ऊपर सवालिया निशान खड़े करता है। इस मामले में वीडियो के उपाध्यक्ष से जब जानकारी लेने के लिए फोन लगाया गया तो उनका फोन नहीं उठा बता दें कि बनारस में अवैध निर्माण का कार्य बीडीए के संरक्षण में जोरों शोरों से चल रहा है।
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