सरफ़राज़ अहमद
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सत्ता चाहे जिसकी भी रही हो बाहुबली अतीक अहमद की हनक कभी कम नहीं रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही यूपी में अपराधियों में दहशत का दावा करते रहे हो लेकिन जेल में बंद अतीक अहमद के साम्राज्य को कभी चुनौती नहीं मिल सकी। आलम यह कि चाहे जिस भी जेल में अतीक बंद रहे हो बस मिलने वाला ‘नेताजी’ का नाम लेकर बेरोकटोक जेल में आ जा सकता था। बस, बाहुबली के ही कुछ खास लोग उस मिलने वाले की तलाशी लेते और खुद इत्मीनान कर उसे जाने देते। इसके बाद न तो कोई मुहर लगती न ही किसी रजिस्टर में इंट्री दर्ज की जाती।
पूर्वांचल के बाहुबलियों में शुमार अतीक अहमद का सिक्का हर सरकारों में चला है। सत्ता में कोई पार्टी रही हो बाहुबली अतीक अहमद जेल या बाहर हर जगह से समान रूप से अपने साम्राज्य का संचालन करते रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अतीक अहमद किसी भी जेल में रहे हो उनसे मिलने वाले बेरोकटोक मिलते रहे हैं। नैनी जेल से देवरिया जेल में जब योगी सरकार ने अतीक अहमद को भेजा तो यह दावा किया कि जेल में बंद माफिया असहाय हो चुके हैं। लेकिन सरकार के दावे के विपरीत जेल में माफियाओं की सल्तनत को कोई चुनौती नहीं मिली।
मोहित जायसवाल के पहले भी हो चुकी है घटनाएं
बिल्डर मोहित जायसवाल के पहले भी अतीक अहमद का जेल में भी अपनी अदालत लगाने का मामला सामने आ चुका है। करीब डेढ़ महीना पहले ही इलाहाबाद के तीन लोगों को देवरिया जेल में लाया गया था। इन पर बाहुबली के आदेश की नाफरमानी का आरोप था। बताया जा रहा है कि बाहुबली ने तीनों को जबरिया जेल में बुलवाया। फिर अपने सामने ही सजा सुनाते हुए पिटाई करवाई। इसके बाद छोड़ दिया गया। इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं हुआ। जेल में ही बंद रहने के दौरान बाहुबली अतीक पर आरोप लगे कि पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह को धमकाया गया। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया।
इसी तरह एक और मामला आया जिसमें बाहुबली ने जेल में अपने सामने एक व्यक्ति की पिटाई कराई थी।
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सत्ता चाहे जिसकी भी रही हो बाहुबली अतीक अहमद की हनक कभी कम नहीं रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही यूपी में अपराधियों में दहशत का दावा करते रहे हो लेकिन जेल में बंद अतीक अहमद के साम्राज्य को कभी चुनौती नहीं मिल सकी। आलम यह कि चाहे जिस भी जेल में अतीक बंद रहे हो बस मिलने वाला ‘नेताजी’ का नाम लेकर बेरोकटोक जेल में आ जा सकता था। बस, बाहुबली के ही कुछ खास लोग उस मिलने वाले की तलाशी लेते और खुद इत्मीनान कर उसे जाने देते। इसके बाद न तो कोई मुहर लगती न ही किसी रजिस्टर में इंट्री दर्ज की जाती।
पूर्वांचल के बाहुबलियों में शुमार अतीक अहमद का सिक्का हर सरकारों में चला है। सत्ता में कोई पार्टी रही हो बाहुबली अतीक अहमद जेल या बाहर हर जगह से समान रूप से अपने साम्राज्य का संचालन करते रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अतीक अहमद किसी भी जेल में रहे हो उनसे मिलने वाले बेरोकटोक मिलते रहे हैं। नैनी जेल से देवरिया जेल में जब योगी सरकार ने अतीक अहमद को भेजा तो यह दावा किया कि जेल में बंद माफिया असहाय हो चुके हैं। लेकिन सरकार के दावे के विपरीत जेल में माफियाओं की सल्तनत को कोई चुनौती नहीं मिली।
मोहित जायसवाल के पहले भी हो चुकी है घटनाएं
बिल्डर मोहित जायसवाल के पहले भी अतीक अहमद का जेल में भी अपनी अदालत लगाने का मामला सामने आ चुका है। करीब डेढ़ महीना पहले ही इलाहाबाद के तीन लोगों को देवरिया जेल में लाया गया था। इन पर बाहुबली के आदेश की नाफरमानी का आरोप था। बताया जा रहा है कि बाहुबली ने तीनों को जबरिया जेल में बुलवाया। फिर अपने सामने ही सजा सुनाते हुए पिटाई करवाई। इसके बाद छोड़ दिया गया। इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं हुआ। जेल में ही बंद रहने के दौरान बाहुबली अतीक पर आरोप लगे कि पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह को धमकाया गया। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया।
इसी तरह एक और मामला आया जिसमें बाहुबली ने जेल में अपने सामने एक व्यक्ति की पिटाई कराई थी।
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