सरफ़राज़ अहमद
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वाराणसी: नववर्ष 2019 के पहले दिन गलन और ठण्ड ने सुबह से ही शहर को अपनी आगोश में ले रखा था। इस ठण्ड और शीतलहरी के बीच वाराणसी के अल्लहड़ मिजाज़ियों की नववर्ष की उमंग भारी पड़ गयी। नववर्ष की मस्ती में डूबे युवा शहर के पर्यटन स्थलों सारनाथ, गंगा घाट पर देखे गए। समूह में पहुंचे युवा नववर्ष की उमंग और मस्ती में डूबे हुए थे। सभी एक दुसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देने में लगे थे।
पिछले कई दिनों से क्रूज़ का विरोध कर रहे माझी समाज ने नावों की हड़ताल कर रखी है। ऐसे में नववर्ष फीका हहोने का आसार था पर युवाओं ने गंगा घाट पर नव वर्षा को समारोह की तरह मानकर यह जता दिया की काशी में मस्ती और उल्लास कभी ख़त्म नहीं हो सकता चाहे कितना भी विरोध प्रदर्शन क्यों न हो।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्र मानसी ने बताया कि हम लोगों ने कई दिनों पह्ल्के ही आज के दिन बोटिंग का प्लान बनाया था पर यहां आकर पता चला की नाव नहीं चलेगी। इसपर हमें निराशा हुई तो लेकिन अब हम घाट किनारे ही एनाव्वर्ष की पिकनिक मनाएंगे।
ऐसे ही कई युवा टोलियों में घाटों और सारनाथ में नववर्ष का उल्लास मनाते हुए दिखे।
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वाराणसी: नववर्ष 2019 के पहले दिन गलन और ठण्ड ने सुबह से ही शहर को अपनी आगोश में ले रखा था। इस ठण्ड और शीतलहरी के बीच वाराणसी के अल्लहड़ मिजाज़ियों की नववर्ष की उमंग भारी पड़ गयी। नववर्ष की मस्ती में डूबे युवा शहर के पर्यटन स्थलों सारनाथ, गंगा घाट पर देखे गए। समूह में पहुंचे युवा नववर्ष की उमंग और मस्ती में डूबे हुए थे। सभी एक दुसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देने में लगे थे।
पिछले कई दिनों से क्रूज़ का विरोध कर रहे माझी समाज ने नावों की हड़ताल कर रखी है। ऐसे में नववर्ष फीका हहोने का आसार था पर युवाओं ने गंगा घाट पर नव वर्षा को समारोह की तरह मानकर यह जता दिया की काशी में मस्ती और उल्लास कभी ख़त्म नहीं हो सकता चाहे कितना भी विरोध प्रदर्शन क्यों न हो।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्र मानसी ने बताया कि हम लोगों ने कई दिनों पह्ल्के ही आज के दिन बोटिंग का प्लान बनाया था पर यहां आकर पता चला की नाव नहीं चलेगी। इसपर हमें निराशा हुई तो लेकिन अब हम घाट किनारे ही एनाव्वर्ष की पिकनिक मनाएंगे।
ऐसे ही कई युवा टोलियों में घाटों और सारनाथ में नववर्ष का उल्लास मनाते हुए दिखे।
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