सरफ़राज़ अहमद
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वाराणसी/लखनऊ. यूपी के हमीरपुर में 2012 में हुए अवैध खनन (Illegal Mining) मामले में CBI की छापेमार कार्रवाई के बाद से आईएएस बी. चंद्रकला (IAS B. Chandrakala) कहां हैं, किसी को इसकी कोई जानकारी नहीं है फेसबुक-ट्विटर जहां वे सबसे ज्यादा एक्टिव रहती थीं, वहां से भी गायब हैं। इन सारे सवालों के बीच बी. चंद्रकला ने अपने लिंक्ड-इन अकाउंट पर एक कविता के जरिए अपनी दिल की बात कही है। लेडी 'सिंघम' के तौर पर देश की चर्चित आईएएस चंद्रकला ने ‘रे रंगरेज, तू रंग दे मुझको’ कविता शेयर करते हुए लिखा है- 'चुनावी छापा तो पड़ता रहेगा, लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाय, दोस्तों। आप सब से गुजारिश है कि मुसीबतें कैसी भी हों, जीवन की डोर को बेरंग ना छोड़ें।'
ये है बी.चंद्रकला की पूरी पोस्ट शब्दश..
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
फलक से रंग , या मुझे रंग दे जमीं से ,
रे रंगरेज़! तू रंग दे कहीं से ।।
छन-छन करती पायल से ,
जो फूटी हैं यौवन के स्वर ;
लाल से रंग मेरी होंठ की कलियाँ,
नयनों को रंग, जैसे चमके बिजुरिया,
गाल पे हो , ज्यों चाँदनी बिखरी ,
माथे पर फैली ऊषा-किरण ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
यहाँ से रंग , या मुझे रंग दे, वहीं से ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे, कहीं से ।।
कमर को रंग , जैसे , छलकी गगरिया ,
उर,,,उठी हो, जैसे चढती उमिरिया ,
अंग-अंग रंग , जैसे , आसमान पर ,
घन उमर उठी हो बन , स्वर्ण नगरिया ।।
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ,
सांस-सांस रंग , सांस-सांस रख ,
तुला बनी हो ज्यों , बाँके बिहरिया ,
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ।।
पग- रज ज्यों , गोधुली बिखरी हो ,
छन-छन करती नुपूर बजी हो ,
फाग के आग से उठती सरगम ,
ज्यों मकरंद सी महक उडी हो ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
खुदा सा रंग , या मुझे रंग दे हमीं से ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे , कहीं से ।।
पलक हो, जैसे बावड़ी वीणा ,
कपोल को चूमे , लट का नगीना ,
तपती जमीं सा मन को रंग दे ,
रोम - रोम तेरी चाहूँ पीना ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
बरस-बरस मैं चाहूँ जीना ।। :: बी चंद्रकला ,,आई ए एस ।।
,,चुनावी छापा तो पडता रहेगा ,,लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाय ,,दोस्तों ।
आप सब से गुजारिश है कि मुसीबते कैसी भी हो , जीवन की डोर को बेरंग ना छोडे ।।
कौन हैं IAS बी. चंद्रकला ?
- बी. चंद्रकला का जन्म तेलंगाना के करीमनगर जिले (Karimnagar District, Telangana) में हुआ था।
- रामागुंडम (Ramagundam) में सेंट्रल स्कूल से 12th करने के बाद उन्होंनेहैदराबाद के कोटि वुमन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।
- बी. चंद्रकला ने शादी के बाद इकोनॉमिक्स में पीजी की डिग्री हासिल की। कहा जाता है कि पति ए रामुलू की इंस्पिरेशन और अपने टैलेंट के बूते चंद्रकला IAS अफसर बनीं। वह 2008 बैच की यूपी कैडर की IAS हैं। वे यूपी की सबसे संवेदनशील जिलों में से एक मेरठ, बुलंदशहर सहित कई जिलों में डीएम रह चुकी हैं।
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वाराणसी/लखनऊ. यूपी के हमीरपुर में 2012 में हुए अवैध खनन (Illegal Mining) मामले में CBI की छापेमार कार्रवाई के बाद से आईएएस बी. चंद्रकला (IAS B. Chandrakala) कहां हैं, किसी को इसकी कोई जानकारी नहीं है फेसबुक-ट्विटर जहां वे सबसे ज्यादा एक्टिव रहती थीं, वहां से भी गायब हैं। इन सारे सवालों के बीच बी. चंद्रकला ने अपने लिंक्ड-इन अकाउंट पर एक कविता के जरिए अपनी दिल की बात कही है। लेडी 'सिंघम' के तौर पर देश की चर्चित आईएएस चंद्रकला ने ‘रे रंगरेज, तू रंग दे मुझको’ कविता शेयर करते हुए लिखा है- 'चुनावी छापा तो पड़ता रहेगा, लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाय, दोस्तों। आप सब से गुजारिश है कि मुसीबतें कैसी भी हों, जीवन की डोर को बेरंग ना छोड़ें।'
ये है बी.चंद्रकला की पूरी पोस्ट शब्दश..
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
फलक से रंग , या मुझे रंग दे जमीं से ,
रे रंगरेज़! तू रंग दे कहीं से ।।
छन-छन करती पायल से ,
जो फूटी हैं यौवन के स्वर ;
लाल से रंग मेरी होंठ की कलियाँ,
नयनों को रंग, जैसे चमके बिजुरिया,
गाल पे हो , ज्यों चाँदनी बिखरी ,
माथे पर फैली ऊषा-किरण ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
यहाँ से रंग , या मुझे रंग दे, वहीं से ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे, कहीं से ।।
कमर को रंग , जैसे , छलकी गगरिया ,
उर,,,उठी हो, जैसे चढती उमिरिया ,
अंग-अंग रंग , जैसे , आसमान पर ,
घन उमर उठी हो बन , स्वर्ण नगरिया ।।
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ,
सांस-सांस रंग , सांस-सांस रख ,
तुला बनी हो ज्यों , बाँके बिहरिया ,
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ।।
पग- रज ज्यों , गोधुली बिखरी हो ,
छन-छन करती नुपूर बजी हो ,
फाग के आग से उठती सरगम ,
ज्यों मकरंद सी महक उडी हो ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
खुदा सा रंग , या मुझे रंग दे हमीं से ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे , कहीं से ।।
पलक हो, जैसे बावड़ी वीणा ,
कपोल को चूमे , लट का नगीना ,
तपती जमीं सा मन को रंग दे ,
रोम - रोम तेरी चाहूँ पीना ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
बरस-बरस मैं चाहूँ जीना ।। :: बी चंद्रकला ,,आई ए एस ।।
,,चुनावी छापा तो पडता रहेगा ,,लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाय ,,दोस्तों ।
आप सब से गुजारिश है कि मुसीबते कैसी भी हो , जीवन की डोर को बेरंग ना छोडे ।।
कौन हैं IAS बी. चंद्रकला ?
- बी. चंद्रकला का जन्म तेलंगाना के करीमनगर जिले (Karimnagar District, Telangana) में हुआ था।
- रामागुंडम (Ramagundam) में सेंट्रल स्कूल से 12th करने के बाद उन्होंनेहैदराबाद के कोटि वुमन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।
- बी. चंद्रकला ने शादी के बाद इकोनॉमिक्स में पीजी की डिग्री हासिल की। कहा जाता है कि पति ए रामुलू की इंस्पिरेशन और अपने टैलेंट के बूते चंद्रकला IAS अफसर बनीं। वह 2008 बैच की यूपी कैडर की IAS हैं। वे यूपी की सबसे संवेदनशील जिलों में से एक मेरठ, बुलंदशहर सहित कई जिलों में डीएम रह चुकी हैं।
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