सरफ़राज़ अहमद
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वाराणसी। पहाड़ की वादियों से बह रही हवाओं ने आम जन जीवन बेहाल कर दिया है। शिमला, जम्मू- कश्मीर सहित उत्तर क्षेत्र की पहाड़ियों पर जमी बर्फ का असर पूर्वांचल के जिलों में भी दिखने लगा है। शाम ढलने के बाद मौसम में सिहरन बढ़ रही है। चौक और चौराहों पर अलाव जलाकर लोग ठंज के ठिठुरन की काट खोज रहे हैं। बीते शुक्रवार की शाम अचानक पारा गिरते ही लोग सिकुड़ने लगे थें। देर रात मौसम का तापमान गिरकर न्यूनतम 5.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। शनिवार को भी तापमान का स्तर अधिकतम 23.5 सेंटीग्रेड डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 7.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
ट्रेनों के पहिये थमे
कोहरे के चलते नई दिल्ली, पंजाब और जम्मू रूट से गुजरने वाली ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटो लेट रही। इनमें नई दिल्ली से आने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस बीते शुक्रवार को चार घंटे, अमृतसर- हावड़ा एक्सप्रेस तीन घंटे और हरद्वार- हावड़ा एक्सप्रेस साढ़े तीन घंटे विलम्बित रही। इसके चलते कैंट स्टेशन पर यात्रियों को फजीहत का सामना करना पड़ा।
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वाराणसी। पहाड़ की वादियों से बह रही हवाओं ने आम जन जीवन बेहाल कर दिया है। शिमला, जम्मू- कश्मीर सहित उत्तर क्षेत्र की पहाड़ियों पर जमी बर्फ का असर पूर्वांचल के जिलों में भी दिखने लगा है। शाम ढलने के बाद मौसम में सिहरन बढ़ रही है। चौक और चौराहों पर अलाव जलाकर लोग ठंज के ठिठुरन की काट खोज रहे हैं। बीते शुक्रवार की शाम अचानक पारा गिरते ही लोग सिकुड़ने लगे थें। देर रात मौसम का तापमान गिरकर न्यूनतम 5.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। शनिवार को भी तापमान का स्तर अधिकतम 23.5 सेंटीग्रेड डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 7.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
ट्रेनों के पहिये थमे
कोहरे के चलते नई दिल्ली, पंजाब और जम्मू रूट से गुजरने वाली ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटो लेट रही। इनमें नई दिल्ली से आने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस बीते शुक्रवार को चार घंटे, अमृतसर- हावड़ा एक्सप्रेस तीन घंटे और हरद्वार- हावड़ा एक्सप्रेस साढ़े तीन घंटे विलम्बित रही। इसके चलते कैंट स्टेशन पर यात्रियों को फजीहत का सामना करना पड़ा।
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