1/04/2019

वाराणसी के छात्रों का अनोखा विरोध, "राम मंदिर" बनवाने के लिए PM मोदी को टेंट के साथ भेजा ज्ञापन

सरफ़राज़ अहमद
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वाराणसी: काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों के एक समूह ने अयोध्‍या में भगवान श्रीराम का मंदिर ना बनने से नाराज होकर अनोखा विरोध दर्ज कराया। विरोध करने वाले इन छात्रों ने गुरुवार को वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्सल से टेंट भेजा है। इस टेंट के साथ भेजे गए पत्र में कहा कि जब तक रामलला डेरे में हैं, तब तक प्रधानमंत्री समेत सभी सांसद और विधायक भी टेंट में रहें।
छात्रों के समूह की अगुवाई करने वाले इतेंद्र चौबे का कहना है कि भगवान राम के भक्‍तों की भावनाएं पीएम मोदी के इस कथन से आहत हुई हैं कि राम मंदिर पर अध्‍यादेश लाने का निर्णय न्‍यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जा सकता है। हिंदुओं के आराध्‍य भगवान राम टेंट में रहें तो उनके भक्‍त सभी सुविधाओं से लैस सरकारी बंगलों में कैसे रह सकते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री को डाक विभाग के जरिए पार्सल से टेंट भेजा गया है। उन्होंने कहा कि जल्‍द सभी सांसदों को भी टेंट भेजा जाएगा। गुरुवार को अपने खास विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने यह उम्‍मीद भी जताई कि जो सांसद और विधायक भगवान राम के भक्‍त होने का दावा करते हैं, वे कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक तंबू में रहेंगे।

'सत्ता में आने के बाद भगवान राम को भूले नेता'

छात्रों के समूह के सदस्‍य पतंजलि का कहना है कि आम चुनाव 2014 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत इसलिए मिला था कि पार्टी ने अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण कराने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि भगवान राम के वंशज होने का दावा करने वाले सत्ता में आने के बाद भगवान राम को भूल गए हैं। ऐसे में नेताओं को वादा याद दिलाने के लिए टेंट भेज अपील की जाएगी कि वे बंगलों को त्‍याग कर तंबू में तब तक रहें, जब तक जन्‍मस्‍थली पर भव्‍य मंदिर नहीं बन जाता है।

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