वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध श्री हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विधि विभाग में व्याप्त लापरवाही और बुनियादी सुविधाओं के अभाव को लेकर छात्रों द्वारा चलाया जा रहा अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार को समाप्त हो गया। कॉलेज के प्राचार्य के आश्वासन पर छात्रों ने धरने को विराम दिया। छात्रों ने बीते 11 अप्रैल से यह धरना शुरू किया था, जो कई दिनों तक चला। धरने के दौरान विधि विभाग की गंभीर कमियों को लेकर कॉलेज प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए गए थे।
छात्रों ने महाविद्यालय के विधि विभाग में मूट कोर्ट और कंप्यूटर लैब की स्थापना न होने, कॉमन रूम की अनुपलब्धता, मानक के अनुरूप कक्षाओं की कमी और वर्षों से उपाधि वितरण में लापरवाही जैसे मुद्दों को लेकर विरोध दर्ज कराया। छात्रों का आरोप था कि वर्ष 2009-10 से अब तक उपाधि शुल्क लिए जाने के बावजूद किसी भी सत्र के विद्यार्थियों को डिग्रियां वितरित नहीं की गईं, जिससे उन्हें विश्वविद्यालय में भटकना पड़ रहा है और उन्हें अतिरिक्त शुल्क भी अदा करना पड़ रहा है।
धरना स्थल पर पहुंचे समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने छात्रों के साथ एकजुटता जताई और प्रशासन से छात्रों की मांगों पर शीघ्र समाधान की अपील की। उनकी मध्यस्थता के बाद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रो. रजनीश कुंवर धरना स्थल पर पहुंचे और छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी प्रमुख मांगों पर अमल किया जाएगा। उन्होंने छह महीने के भीतर मूट कोर्ट और अन्य आधारभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने का वादा किया।
प्राचार्य ने छात्रों को धरना समाप्त करने के अनुरोध के साथ जूस पिलाकर सांकेतिक रूप से आंदोलन समाप्त करवाया। इस दौरान छात्रनेता शिवम पटेल, सर्वेश तिवारी, मोनू कन्नौजिया, विशाल सिंह, विवेक कुमार, अभय यादव, शिवा सोनकर, रितेश कुमार, विकास सिंह यादव और राकेश पटेल समेत कई अन्य छात्र मौजूद रहे।
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