पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान पता चला कि संदीप सेठ, गोपाल सेठ के यहां सोना रिफाइन करने का काम करता है। संदीप पगार बढ़ाने के लिए गोपाल के भाई हरिशंकर सेठ व उनके लड़के रवि सेठ से बात कही थी जिसे लेकर मार्केट में ही संदीप को बेइज्जत किया था। और साथ ही मारा-पीटा भी था। इसी बेइज्जती का बदला लेने के मंसूबे से संदीप अपने मित्र सागर के साथ मुकेश सेठ जिस की दुकान गोपाल की दुकान के बिल्कुल ठीक सामने हैं से मिला और चोरी की योजना बनाई। मुकेश ने अपने भाई रुपेश जो कि पेशे से अपराधी है से बात किया और संदीप से कहा कि जिस गाड़ी में सोना लाते हो उसकी डिग्गी की चाबी दूसरी बनवा लेना और एक सिम की व्यवस्था कर देना। संदीप और सागर ने डिग्गी की चाबी बनवा ली और दिनांक 6 जुलाई को मुकेश ने संदीप,व सागर को अपने घर ले जाकर रुपेश से मिलवाया और चाभी और सिम संदीप ने रूपेश को दिया और साथ ही रुपेश ने संदीप को 2 लाख रूपये व सागर को 50 हजार रूपये दिया। और कहा कि बाकी हिसाब काम होने के बाद होगा। इस योजना के तहत इन लोगों ने घटना को अंजाम दिया मुकेश के भाई बृजेश सेठ ने मोटरसाइकिल की व्यवस्था की रुपेश, मोहित, व बृजेश उर्फ बाबू, बृजेश सेठ, के घर रुके संदीप का फोन आने के बाद तीनों लोग गाड़ी लेकर निकले मोहित चला रहा था। रुपेश सेठ और बृजेश उर्फ बाबू पीछे बैठे थे। डुप्लीकेट चाबी की सहायता से अतिरिक्त संदीप के द्वारा डिग्गी को खुला छोड़ दिया था। जिससे आसानी से चोरी की जा सके मौके पर बृजेश बाबू स्कूटी की डिग्गी खोलकर झोला सहित पूरा माल निकाल कर गली से बाहर आदर्श को दिया यह तीनो लोग आए थे। इनको कोई पहचान ना सके कबीरचौरा की तरफ भागे कबीरचौरा के पास बृजेश उर्फ बाबू मोटरसाइकिल से उतर कर अपना हेलमेट रुपेश को दिया और अपने घर की तरफ चला गया। रुपेश ने मुकेश को बृजेश उर्फ बाबू को उनके हिस्से का सोना दे दिया था जिसे बेचने के लिए जाने की तैयारी में थे। जिससे यह अभियुक्तगण पकड़ें गए।
7/10/2018
चौक क्षेत्र 80 लाख रु के कच्चा सोना की चोरी की घटना का हुआ खुलासा....
पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान पता चला कि संदीप सेठ, गोपाल सेठ के यहां सोना रिफाइन करने का काम करता है। संदीप पगार बढ़ाने के लिए गोपाल के भाई हरिशंकर सेठ व उनके लड़के रवि सेठ से बात कही थी जिसे लेकर मार्केट में ही संदीप को बेइज्जत किया था। और साथ ही मारा-पीटा भी था। इसी बेइज्जती का बदला लेने के मंसूबे से संदीप अपने मित्र सागर के साथ मुकेश सेठ जिस की दुकान गोपाल की दुकान के बिल्कुल ठीक सामने हैं से मिला और चोरी की योजना बनाई। मुकेश ने अपने भाई रुपेश जो कि पेशे से अपराधी है से बात किया और संदीप से कहा कि जिस गाड़ी में सोना लाते हो उसकी डिग्गी की चाबी दूसरी बनवा लेना और एक सिम की व्यवस्था कर देना। संदीप और सागर ने डिग्गी की चाबी बनवा ली और दिनांक 6 जुलाई को मुकेश ने संदीप,व सागर को अपने घर ले जाकर रुपेश से मिलवाया और चाभी और सिम संदीप ने रूपेश को दिया और साथ ही रुपेश ने संदीप को 2 लाख रूपये व सागर को 50 हजार रूपये दिया। और कहा कि बाकी हिसाब काम होने के बाद होगा। इस योजना के तहत इन लोगों ने घटना को अंजाम दिया मुकेश के भाई बृजेश सेठ ने मोटरसाइकिल की व्यवस्था की रुपेश, मोहित, व बृजेश उर्फ बाबू, बृजेश सेठ, के घर रुके संदीप का फोन आने के बाद तीनों लोग गाड़ी लेकर निकले मोहित चला रहा था। रुपेश सेठ और बृजेश उर्फ बाबू पीछे बैठे थे। डुप्लीकेट चाबी की सहायता से अतिरिक्त संदीप के द्वारा डिग्गी को खुला छोड़ दिया था। जिससे आसानी से चोरी की जा सके मौके पर बृजेश बाबू स्कूटी की डिग्गी खोलकर झोला सहित पूरा माल निकाल कर गली से बाहर आदर्श को दिया यह तीनो लोग आए थे। इनको कोई पहचान ना सके कबीरचौरा की तरफ भागे कबीरचौरा के पास बृजेश उर्फ बाबू मोटरसाइकिल से उतर कर अपना हेलमेट रुपेश को दिया और अपने घर की तरफ चला गया। रुपेश ने मुकेश को बृजेश उर्फ बाबू को उनके हिस्से का सोना दे दिया था जिसे बेचने के लिए जाने की तैयारी में थे। जिससे यह अभियुक्तगण पकड़ें गए।
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