5/15/2019

अमित शाह ने दिया बीजेपी नेताओं को लक्ष्य, PM मोदी खुद संभाल सकते हैं कमान, बीजेपी को मिली है गढ़ बचाने की चुनौती, जानिए क्या है कहानी


सरफ़राज़ अहमद


वाराणसी. लोकसभा चुनाव 2019 अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। 19 मई को पूर्वांचल की 13 सीटों पर चुनाव होना है। सभी सीटों पर बीजेपी के सांसद है इसलिए भारतीय जनता पार्टी को गढ़ बचाने की चुनौती मिली है। पीएम नरेन्द्र मोदी खुद ही इन सीटों पर प्रचार की कमान संभालने वाले हैं ऐसे में चुनाव के अंतिम चरण में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने 25 अप्रैल को बनारस में रोड शो किया था और 26अप्रैल को नामांकन करने के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ जनता से उनका चुनाव लडऩे की अपील की थी। पीएम नरेन्द्र मोदी ने साफ कर दिया था कि अब वह चुनाव परिणाम के बाद बनारस की जनता को धन्यवाद कहने आयेंगे। इसके बाद से साफ हो गया था कि पीएम नरेन्द्र मोदी बनारस में आकर चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। लेकिन अब बीजेपी ने अपनी रणनीति बदलने की तैयारी की है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने एक तीर से दो निशाना साधने की योजना बनायी है। बनारस में चुनाव तक प्रवास करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी पूर्वांचल की 13 सीटों पर समीकरण साध सकते हैं। बीजेपी ने इसके लिए सारी तैयारी शुरू कर दी है। 19 मई को वाराणसी सीट पर मतदान होना है ऐसे में 17 मई को चुनाव प्रचार पर रोक लग जायेगी। पीएम नरेन्द्र मोदी इसी दिन बनारस में चुनावी सभा या रोड शो करके अपने चुनाव प्रचार अभियान को समाप्त कर सकते हैं।

यूपी चुनाव में काम आया था पीएम मोदी का जादू, बीजेपी फिर इसी रणनीति को साधने में जुटी

यूपी चुनाव 2017 में पीएम नरेन्द्र मोदी तीन दिन बनारस में रुकते हुए पूर्वांचल की 100 से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशी को जिताने में कामयाब हुए थे। बीजेपी लोकसभा चुनाव 2019 में इसी रणनीति को दोहरना चाहती है। बीजेपी के लिए सातवें चरण का चुनाव प्रतिष्ठा का बन चुका है। सभी सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा है। जबकि इन सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को पटखनी देने के लिए अखिलेश यादव, मायावती के साथ राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने भी अपनी ताकत लगायी है ऐसे में बीजेपी चाहती है कि पीएम नरेन्द्र मोदी बनारस में तीन दिनों तक रुके और पूर्वांचल के समीकरणों को साधे।

लोकसभा चुनाव 2019 तय करेगा बीजेपी विधायक व मंत्रियों का कद

लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम बीजेपी के विधायक व मंत्रियों का भविष्य भी तय करेगा। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सभी मंत्री व विधायकों को बूथवार लक्ष्य दिया है। चुनाव के बाद इसकी समीक्षा होगी कि किस नेता व मंत्री के क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी को बूथवार कितना मत मिला है। बनारस की बात की जाये तो यहां पर आठ सीट में से छह विधायक बीजेपी के हैं जबकि एक विधायक बीजेपी के सहयोगी दल ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा व दूसरे अपना दल के हैं। बनारस में बीजेपी विधायक, मंत्री से लेकर नेताओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है किसी सभा में यह माननीय भीड़ जुटाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी ने बनारस सीट से ऐतिहासिक जीत पाने की योजना बनायी है जिसमे बीजेपी विधायक, मंत्री व नेताओं की उपयोगिता की भी परीक्षा होगी।

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